Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
अंग-सूत्रादि-अकारादि
[ ण-कार ]
प्रत
सूत्रांक
यहा
देखीए
१२.
-
2
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
८आ. ९स. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः
१४ उपा १०स्था.
Aणामंठवणादविए पुरिस० ९ ५५नि. णिपि नो पगामाए ८ ६९४ | णेसप्पे पंडुयए १० १११० ४१५ अंत-- लणामंठवणाधम्मो ९ १००नि. णिरए छकं दबं ९ ६२नि. णो अभिकखेज्ज जीवियं ९ १२६७
&ा अनु.. णामंठवणाऽध्यारे ९ १८१नि णीवारमवबुज्झेज्जा ९ २७७ | णो इणढे समढे इह खलु बहवे।
|१६ प्रश्न णामक रसभावकसाए ९ १९०नि. णीवारे व ण लीएज्जा ९ ६१८० | पाणा
१७ विपा. णामादी ठवणादी ९ १३४नि. गंतणचंति बमोदए सो ९ ६९२% | णो कप्पइ० पढमपाउसंसि १० ४१३ जणायमेयं० महासिलाकंटए णेता जहा अंधकारंसि राओ ५९१ | णो कामकिच्चा ण यवाल
|. संगामे वट्टमाणे के ज०१२ २९९ रझ्या गं उक्कोसेणं तिसम०१० २२५ । किच्चा |णायमेयं रहमुसले पं० संगामे | परइयाणं चउहि सरीरुप्प०१० ३७१ | णो काहिए होज्ज संजए ९ १३८
वट्टमाणे के जइत्था? १२ ३०० | परइयाणं दो सरीरगा प०१० ७५ णो चेमिमेण वत्थेण ८ ४३* | णासाए पंचमं चूया १० ४७% | रइयाणं सरीरगा पंचवन्ना १० ३९५ जो छायए णोऽविय लूसएजार ५९८* |णिकिंचणे भिक्खु सुलूहजीवी ९ ५६८* | रतिवाणं चउबिहे आहारे १० ३३१ ।
| णो पीहे ण यावपंगुणे ९ १२३* | णिक्खम्म दीणे परभोयणमि ९ ४०५% रतिताण चत्तारि समु० १० ३८० णो सुकरमेयमेगेसिं ८ ४९* | णिट्ठियट्ठा व देवा वा ९ ६२२० सप्पमि निवेसा १० ११२७ णो सेवइ य परवत्थं ८
९०*
AAAAAAACANCIES
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~71~

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