Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 60
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] साहित्य प्रत सूत्राक यहां देखीए ८आ.९सू १.स्था. १२ म. १३ वा. 5 दीप क्रमांक के लिए देखीए RECE SURGESSHRESS सूत्राचादि सूत्र, सूत्रायः सूत्रागादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधावि, सूत्रे.... सूत्राधकः १४ उपा. जहा हि बद्धं इह माणवेहि ८ १४६* | जंबु० देवाणु० केवतियं कालं जंबुद्दीवे ण. पणसढि सूर०११ १५ अंत६५ का अनुः जहा हि विच पसवो य सब्ब ९ ४९१* तित्थे अणुसज्जिस्सति १२ ६८० जंबुद्दीवेणं० भरहस्स० केरि ला१६ प्रश्न किंचि अणगं तात! ९ १८९७ जंयु० देवाणु केवतिय कालं सए आगारभाव. १२ २८६ १७ विपा. ४ जंकिंचि उ पूइकडं ९ ९०* | पुष्वगए अणु० . १२ ६७९ । | जंबुद्दीवेणं सूरिया उग्गमणमु० जकिंवक्कम जाणे जंबुद्दीवस्स f० बेइआ १० ९१ ८-२२००९-४२५० दूरे य मूले यदीसति ३११२ ३४३ जंबुद्दीवस्सन्दारा अट्ठ जो०१० ६५७ जंबुद्दीवे णं भारहे. बारस |ज जाणिज्जा उच्चालइयं ८ ११९ | जंबुद्दीवे० छ अकम्मभूमिओ१० ५२२ चकवविपियरो ११ १५८ जंजारिसं पुब्बमकासि कम्म ९ ३४९% वहीवे छ अवकंतमहानि०१० ५१५ । | जंबुद्दीवे २ उत्तरे०पंच वक्खार १० ४३४ जंजोयणाविच्छिन्नं १० ४ जंबुद्दीव १ जोइस २ १२ ६०* | जंबुद्दीवे० तओ तित्था १० १४२ जं दिवसं च णं मेहे कुमार मुंडे१३ ३१ | जंबुद्दीवे० णव बलदेववासु जंबुद्दीवे २ ततो कम्मभूमीओ१० १८३ जं दुखं पवेइयं ८ १०२ । देवपियरो १० ६७२ जंबुद्दीवे २ दस खेचा १० ७२३ द जनिस्सिए उब्बइ ११ ३५ जंबुद्दीवेणं छप्पन नक्खचा११ ५६ जंबुद्दीवे० दस रायहाणीओ १० 'ज पढमस्संतिमए ९ १३३नि. जंबुद्दीवे . दीवे ११ ७६ जंबुद्दीवे० दस वक्खारपञ्चता१० ७६८ ॐ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~60~

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