Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 59
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] साहित्य प्रत ८आ. ९सू. सूत्राक यहां देखीए १० :45 अनु. १६ प्रश्न. १२ म. १३ ज्ञा. ॥५३॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे.. सूत्राद्यकः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राशकः सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्या * १४ उपा. जह खलु महल बत्थं १ २८२नि जह हथिस्स सरीरं ८ ११०नि. जहा ण वयं एयमझु जाणामो (१५ अंतजह णाम गोयमा चंडीदेवगा ९ ९०नि. जहा अस्साविणिं णावं ९ ५८७ तहाण अणु देवा एय०जा०१२ ५२१ जह णाम मंडलग्गेण ९ ५१नि जहा आसाविणिं नावं ९ ५२६ जहा ते मंते ! एत्थ गमणिज्ज१२ ३४ जह देवस्स सरीरं ८ १६७नि जहा कृण्डलेस्सेहिं भणिय जहा दियापोतमपत्तजातं ९ ५८१-८२७ विपा. जह देहप्परिणामो ११९नि. १२ ८५० जहा नई वेयरणी ९ तहा नीलले. २४० जह नाम सिरिघराओ ९ ५३नि जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि०१२ ८३८ जह वक्कं तह भासा ८ ३१६नि. जहा कुम्मे सअंगाई ९४२६४ जहा मंधादए नाम जह वा तिलसक्कुलिया ८ १३शनि. जहा गंडं पिलागं वा ९ २३४५ जहा य पुढवीधूमे जह वा विसगंड्स ९ ५२नि. जहा ढंका य कंकाय ९५२३४ जहा रुक्खं वणे जायं ९ १९११ जह सगळसरिसवाणं ८ १३१नि. जहा णं जंबु० देवाणु० तहाण. जहा विहंगमा पिंगा ९ २३६७ | जह सव्वपायवाणं ८ १८६नि. आगमेस्साणं चरिमतित्थग- जहा सर्वभू उदहीण सेढे ९ ३७१० जह सुत्तमत्तमुच्छिय ८ २१२नि. रस्स केव०कालं तित्थे १२ ६८१ जहा संगामकालंमि. ९ २०४* | जह सुत्तं तह अत्थो ९ १२४नि. जहा णं जंबू! धण्णेणं १३ ४९ । जहा हि अंधे सह जोतिणावि ९ ५४२७ feccCESex 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~59~

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