Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 58
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] साहित्य R प्रत सूत्राक १४ उपा. यहा १५ अत देखीए १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राधादि, सूत्रे. सूत्राद्या सूत्रागादि. सूत्रे. सूत्रायक १० स्था. जस्थ यजं जाणिज्जा ८ नि. जययं विहराहि जोगवं ९ ९९ / जस्स पं भंते ! नाणावराणि११ स. जत्थ य जो पण्णवओ ८ ५१नि. जया णं. दाहिणड्डे वासायं १२ १७७ / जं तस्स दरिसणा० १२. ३५८ १२ भ. ४ १३ ज्ञा | जदत्थि णं लोगे तं सव्वं १० ५७ | जया ण. जंबृद्दीवे२ जस्सणं मि० अहं च खलु जमतीतं पड्डपा ९६०७* दाहिणड्डे दिवसे भवति १२ १७६ । अबेसि ८ २२२ | जमाली ण मते देवे० कहि०१२ ३८९ जयाण सरिए सब्बाभितर०११ ४७ | जस्स ण मि अहं च खलु पडि०८ २१४ Bाजमाहु ओहं सलिलं अपारग ९ ५४८० | जया हेमंतमासमि ९ १६८० | जस्सण भि० एगे अहमसि ८ २१६ ट्र जमाहु ओहं सलिलं उपारयं ९ १४५७ | जलमालकद्दमालं ९ १६१नि. जस्सणं मिळपुट्ठो खलु अइसंसिर २१२ जमिण विरूबरूबेहि ८ ८७ | जलयरथळयरखयरा ९१४८नि. जस्सण मि०से गिलामि८-२१८। २२३ जमिणं जगती पुढोजगा ९ ९२% जविणो मिगा जहा संता १ ३३७ जस्स नस्थि इमा जाई ८.१२९ जमिदं ओरालमाहारं ९ ६४५७ | जसं किति सलोयं च ९४५८७ | जस्स नस्थि पुरा पच्छा ८ १४० | जमेयं भगवया पवेदयं ८ १११ | जस्स जओ आइच्चो ८ ४७नि जरिस कले समुपचे १ ४ जम्माभिसेयनिक्खमण. ८ ३३४नि जस्स पं० ओरालियस | जस्सेते लोगसि कम्मसमारंभाद १३ जयमाणस्स परो जे ८ ३२९नि. रीरस्स सव्वबंधे से गं बेउ०१२ ३५०/जह खलु इसिरं कहूँ ८२३४नि ABIRBHASKAR SECRECRURE ॥५२ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~58~

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