Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
आगम
संबंधी
अंग-सूत्रादि-अकारादि
[ ज-कार ]
साहित्य
प्रत सूत्रांक
यहा
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
८आ. ९सू. सूत्रायवि. सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः। सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्य १. उपा. १०स्था- जाणं काएणऽणाउट्टी ९ १२* जावं च णं आणंदे थेरे गो
जीवदवाणं भंते अजीवदव्वा].
१५ अंत११ स.
१२ ७२२ १२ भ. तजाणित्तु दुक्खं पत्तेयं सायं ८ ६९ | यमाईणं० एयमटुं परिकहेइ१२ ५५० परिभोगत्ताए हब्बमागच्छंति'
अनु. जातिं च बुद्धिच विणासयंते ९ ३८९७ जावं च ण समणे भगवओ जीवपदे जीवपदे १२ ९२४१६ प्रश्न. जायक्यं समारम्भ ११ २४* गोयमस्स एयमर्दु परि०१२ ५७६
| जीवस्स अत्तजणिएहि ८ २६१नि. १७ विपा. ॥५७॥ जारिसओ जनामा १७ * जावोग्गहपडिमाओ८ २९७नि.
जीवस्स ण कइबिहे०संसारसं०१२ २४ ।
जीवा छब्बिह पुढवी १२ ५५* जालि मयालि उवयालि १५ ४० जाहे णं मंते ! ईसाणे तमु| कार्य काउकामे भवद से १२ ५०४
जीवाणमट्ठ कम्मपगडीतो चि०१० ५९६ जावइयाओ य णं भंते!
जीवाण सुहं दुक्खं १२ ५२* | उवासंतराओ उदयंते १२ ५१ जाहे ण भंते ! सके० दिव्बाई
जीवाणं अट्ठठाणणिवत्ति०१० ६६० जावज्जीवं परीसहो८ ३८* भोग मुंीजउँकामे० से १२ ११९
| जीवाण० कंखा० कम्मं ते १२ २९ जावतिया ण भते! वरा अंधग
जिअसंजमो अलोगो ८ ३३नि- जीवाणं कंखा बंधदि १२ ३५ 8. बहिणो जीवा ताव०परा०१२ ६२५ | जिभिदियदुईतत्तणस्स १३ ४०* | जीवाणं कखामोहणिजे कडे१२ २८
॥५७॥ जावसोयपरिणाणा ८ ७२ । जियरागमग्गिसेणं १२ १४५५ जीवाणं० कंखा० वेदेति १२ ३०
ROCRA
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~63~

Page Navigation
1 ... 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148