Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 18
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] साहित्य प्रत C सूत्राक ८आ. ९स. १० स्था. सूत्राद्यतः यहा ११ स. देखीए १२ म. १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७विपा. १३ ज्ञा ॥१२॥ २६९ दीप ॐ4 सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. अह भैते आलुए मूलए०सवे अह मंते ! कुम्मे कुम्मावलिया० अह भंते! सईगालस्स३ वा ते अणंतजीवा० १२ २७६ - तेहिं जीवपएसेहिं फुडा१२ ३२४ | पाणभोयणस्स के अवै१२ ४ अह भंते! आसइस्सामो० । अह मंते ! कोहपुडाण वा० अह भैते! सत्थातीयस्स पण्णवणी णं एसा न एसा किं कोटे वाति० १२ ५८२ पाणभोयणस्स के० १२ भासा मोसा? १२ ४०२ अह भंते! खेत्तातिक्कतस्स४ अह भैते! संवेगे० एए ण भते! ४ अह भंते ओदणे कुम्मासे पाणभोयणस्स के अडे? १२ २६८ पया किंपज्जवसाणफला१२ &ा सुरा एएणं किंसरीराति १२ १८० अह भंते! गोलंगूलवसभ० | अह भते सालीण वाहीणं १० अह भंते! कलमसूरतिल. नेरइयत्ताए उव० १२ ४५९ अह भंते! साली बीही०एए| केवतितं कालं जोणी १० ४५९ | अह भंते पाणाइवा० सब्वे सिणं जे जीवा कंदत्ताए | अह भंते! कलायममरतिल. ते णण्णत्व आयाए | बक्क० ते ण कओहिंएएसि णं जे जीवा मूलत्तापरिणमंति , १२ तो उव० ए वक्क० ते. कओहिअह भंते! पाणइवायवेरमणे अह भिक्खू जाणिज्जा तो०व०? १२ ६९१ । कतिवने ४ १२४४९ । सत्त पिंडेसणाओ ८ क्रमांक के लिए देखीए १४५ 1 -%- ॐॐॐॐॐ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~18~

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