Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 46
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२. भ. १२ ज्ञा. ॥ ४० ॥ सूत्राचादि, सूत्रे. की लेहिं विज्झति असा हुकम्मा९ कुजए अपराजिए जहा कुङ्कं तगरं च अग कुणमाणोऽवि निर्वािचि कृणमाणोऽवि य किरिय कुम्मसुसंठियचलणा कुलाई जे धावइ साउगाई कुष्वं च कारयं चैव कुब्वंति पावगं कम्म कुव्र्वति संथवं ताहि ९ ९ ८ ८ १२ ९ ९ ९ ९ १० कुंजर वसहे सीधे कुंजर संजय सेलसि कुंडकोलियाइ समणेरु कुंड०१४ १२ अंग-सूत्रादि- अकारादि [ क-कार ] सूत्राद्यादि. सूत्रे. कुंथुस्स णं० सत्ततीसं गणा ११ कुंभिए णं भंते जीवे एगपचए०१२ सूत्राद्यङ्कः ३०८* १३३* २८५* कुंभीसु य पयणेसु य ९ २२० नि. के अर्थ लोगे १, जीवच्चेव १० २१९नि केई निमित्ता तहिया भवंति ९ १११* केई वईति अड्डा ८ ४०४# केई सयं वदंती ८ १२ १३* केरिसविउब्वणा चमर २७४७ केवइकालस्स णं असुरकुमारा ~46~ सूत्राद्यादि. ४११ सूत्राधङ्कः | सूत्रे. सूत्रायङ्कः ३७ केवतिया णं मंतलोयागास० १२ ३५६ केवलिस्स णं दस अणुत्तरा १० केवलीणं भंते! अस्सि सम०१२ केवली णं भंते ! अंतकरं वा १२ केवली णं भंते! आयाणेहिं १२ केवलीणं भंते ! आयाणेहि १२ १०१नि. केवली णं भंते । चरिमकम्मं १२ २६२* उङ्कं उप्पयंति १२ १३९* केवइयाणं भंते असुरकुमारावा. ११ ७७७ केवतिया णं भंते! असुरकुमारभ वणवाससय सदस्सा ३७ १२ ७८नि. १०३ ५४४# १६२ नि. २३ केवली णं ते! छउमत्थं १२ केवली णं भंते! पणीयं मणं वा १२ केसिं चधित्तु गल सिलाओ ९ १५० केसिचि तक्काद अबुज्झभाव ९ केसिचि नाणसण्णा ६५९ केसी गावति मधुरं १४२ ८ १० ७६३ १९८ १९१ १९७ २५८ १९३ ५३८ १९४ ३०९* ५७६* ६३.नि. ७३* १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. ११७ विपा. ॥ ४० ॥

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