Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 40
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १२ ज्ञा. ॥ ३४ ॥ सूत्राचादि. सूत्रे. कह णं भंते! लेस्साओ १२ कइ णं भंते! समोसरणा १२ कणं भंते! सरीरगा प० १२ कइ पयडी कह बंधई १२ कइ विहा णं भंते ! अनंतरोवबनगा एादिया प. १२ ८५३ कहविहा णं भंते! अणंतरोवबनगा एगिंदिया ? १२ कइविहा णं भंते! आया १२ कइविहा णं भंते! एगिंदिया १२ कइविहा णं भेते! कण्हलेस्सा १२ कबिहा णं भेतेः कण्हलेस्सा एगिंदिया ? १२ सूत्रायङ्कः २३ ८२५ ५६६ ८ * ८४६ ४६६ ८५१ ८४९ ८५५ अंग-सूत्रादि- अकारादि [ क-कार ] 'सूत्राय: ६८४ १२ ३९६ १२ ४६० ४७२ सूत्रायादि. सूत्रे, कइविहाणं मंते! चारणा १२ कइविहा णं भंते! जांणी कइविहाणं भंते! देवा कविहा णं भंते! देवा० १२ कइविहा णं भंते! पडि सेवणा१२ ८०० कबिहा णं भंते! परंपरोवबनगा एगिंदिया १२ कहविहाणं भंते! रुक्खा १२ कइविहा णं भंते! लद्वीप. १२ कहविहा णं भंते! वेदणा पं. १२ "कविहाणं भंते! आऊण बंधे १२ कइविहे णं भंते! आगासे १२ | कइविहे णं भंते! इंदियउवचए१२ ६६८ ८५४ ३२३ ३१९ ६५७ १५४ ६६४ ~40~ सूत्रे. सूत्राचादि. कइविहे णं भंते! ओही ११ कर विहे णं भंते! करणे पं. १२ कवि णं भंते! गप्पवाए ११ कवि णं भंते! गणिपिडए१२ कइचिणं भंते! तुल्लए पं. १२ कइविहे णं भंते! परमाणु० १२ कइविहे णं भंते परिणामे १२ कवि णं भंते! पवेसणए १२ | कहविहे णं भंते! बंधे० इरियाबंधे २ कविदे णं मंते! बंधे पजोगबंधे ० करविहे णं मंते बंधे पं० १२ १२ १२ सूत्रायङ्कः १५३ ६६१ ३३७ ७३३ ५२२ ६७१ ५१३ ३७२ ३४० ३४४ ६७५ ASROच नह १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३४ ॥

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