Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार ] साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए ॥ दीप . HOMEPRECISHAR : ८आ. ९मा सूत्राचादि. सूत्रे. १० स्था.इएतो संवरदाराई १७ ११ स. १२ भ. एत्थ णं से खदए कच्चा०१२ १३ ज्ञा. एत्थवि तेसि नो निकारणाए८ एत्व सत्थं० अगणिसत्थं ८ | एत्थ सत्थं० उदयसत्थं ८ | एत्थ सत्थं तसकायसत्वं ८ एस्थ सत्थं पुढविसधं ८ एत्थ सत्थं० वणस्सइसत्थं ८ एत्थंपि जाणे उचादीयमाणा८ एत्थं पुण अहिगारो ९ हएयमहूँ सपेहाए ५ एयस्स उ पडिसेहो ९ KCCREASACC क्रमांक के लिए देखीए सूत्रायः सूत्रायादि. सूत्र. सूत्राद्या सूत्राचादि सूत्रे. संत्राध: १४ उपा ९ एयस्स गंमते! दबट्ठाणाउ- | एवं सम्मारिय९ १९१५ अंत अनु. ९१ यस्स४ कयरे २१ १२ २१७ एयंसिण मते! धम्मत्यि चकि३० १६ प्रश्न या केई आसइत्तए वा ४१ १२ एयस्स ण भैते ! नेरइयपवेसण ४४४ । १७ विपा. ३९ गस्स तिरि मणु देव० १२ ३८२. एयाई कायाई पवेदिताई ९ ३७५ एयाई नामाई १ १३० | एयस्स ण मंते पुढविकाइयस्स१२ ६५३ ५५ एवं खु णाणिणो सारं ९ ५०६ * एयाई फासाई संति बाल ९ एयाई मयाई विगिच धीरा९ ५७ | एवं खु नाणिणो सारं ९ ८५ * एयाई संति पडिलेहे ८ एयं खु मणि आयाणं ८ १८२ | एयाणि तिमि पडिसेवे ८ ६१ एवं नियाय मुणिणा ८ १५४ ।। श्यार्वति सव्वाति ८ ७-१२ १५७ नि. एवं पस्स मुणि ! महन्मय८८६ एयासिं चेव अहमंतरा ८ ५३ नि. ४४२ * एवं भयं ण सेयाय ९ २९ एरंडमझवारे १८३नि. एवं वियाणिऊणं .८ १०४ नि. एरिसा जावई एसा ९ २१८ ४८ ||३०॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~36~

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148