Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 37
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] साहित्य प्रत सूत्रांक ८आ. ९स. १० स्था- १४ उपा. १५ अंत यहां अनु. देखीए १२ भ. १६ प्रश्न. १७ विपा. 564- दीप ॥३१॥ सूत्राद्यादि. सूत्रे, एलिक्खए जणा शुओ ८ एवण्इं पचक्खंताणं एवममाणिया नाण० - ९ । एवमादाय मेहावी एवमेमे उ पासत्था एवमेगे उ पासत्था ९ एवमेगे उ पासस्था एवमेगे णिवायड्डी एवमेगेति बप्पति एवमेंगे वियकाहि एवमेयाणि जपता एवमेव समशुगम्ममाणा ९ एवं उदगु निग्गंथे सूत्रायः सूत्रधादि. सूत्रे, ८५ * एवं एएणं कमेणं जरचेव ७४ धिसए १२ ४३ * एवं एएणं कमेणं जहेव धिसए १२ ३२* एवं कण्हपक्खिएहिवि १२ एवं कण्हाचि नवरं महालयं१५ एवं कामेसणं विऊ ९ | एवं खलु जंचू आलभिया१४ Hea एवं खलु जंबू वाणियगामे१४ एवं खलु जंबू समणेणं १३ ४१ एवं खलु जब! समणेणं अट्ठ मस्स अंगस्स १५ ** सूत्र थक्क सूत्राचावि सूत्रे एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंते. ८२९ गोसाले० कहिं गए ११२ एवं खु तासु विनष्पं ६ २९६ * ४२२ एवं चेव तिविहा इत्थीओ १० १३० ८४१ एवं जह पूरिया १२ ६५ २० एवं ठिई आहारीय १२ । ९४८ * एवं ण मिति ण संसरती ९ एवं ण से होइ समाहिपत्ते ५७० ३२ एवं तकाइ साहिती ९ ४९ * ३ | एवं तणजोगिएसु १६५ | एवं तिरिक्तमयासुरेसुं९ ३५१ * एवं तुम्भे सरागत्था ९ २१३ * २ । एवं तु समणा ऐगे 5454545454334 * क्रमांक के लिए देखीए * ९ जाणिएम ५४ %E1%EMARA अद 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~37~

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