Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 30
________________ आगम संबंधी साहित्य अंग-सूत्रादि-अकारादि [3-कार + ऊ-कार ] प्रत सूत्राक यहा देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९समा सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्रा धादि. सूत्रे. सूत्राद्य. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राया१४ उपा. १.स्था. उच पास इह मच्चिएहि ८ ५* उववाओ परिमाणं १२ ६७ | उवेहिणं बहिया य लोग८१३५ १५अंत११ स. उरकंठसिरपसत्यं १० ६९ * | उववाय परीमाणं १२ ९०* उसमसिरिस्स भगवओ ११ १३५ अनु. १२ भ. उरालं जगतो जोग ९ ८४* उवसाग गब्भहरणं १३ ज्ञा. १० १६७ उसभस्स पढमभिक्खा ११ १६ प्रश्न १०६ *४|| IP१७विपा. उल्लणदंतवणफले १४ ९* | उवसग्गभीरुणो थीवसस्स९ २५ नि. उसमे गं अरहा कोसलिचे१० ६९७ ॥२४॥ उल्लो सुक्को य दो इढा ८ २३२ नि | उवसग्गमि य छक्क ९ ४५ नि. उसमे पं अरहा कोसलिए उवओग जोग० महसुय ८ ८४ नि उवसग्गा सम्माणय ८ २५० नि- तेसहूिँ | उवओगजोग. वीमुं च ८ १५७ नि. उवसंकमंतमपडिनं ८ ८९ | उसमेणं अरहा कोसलिए१९८९ | उवक्कमिओ संयमविग्ध ९ ४.नि. उवसंते खीणमि व १२ १०२* | उसमेणं. पंचधणुसताइंउड्डे १० ४३५ उवगसंतंपि पिचा ११ ३१. उनसंपया य काले १२ १०६||* उसमे सुमिचे विजए ११ १२० उवडियं पडिविरयं ११ ४१ * उवहीसुअ भत्तपाणे ११ ५ * | उसमो अविणीयाए ११ ९९* | उवणीयतरस्स ताहणो ९ १२७ *उवाईय सेसणवा ८ ९८ । | उसिणोदग तच भोइणो ९ १२८ * | उवमा य पुंडरीए १५८नि उवासगदसाणं सत्तमस्स १४ ५९ उस्सिचणगालणधोवणे ८ ११३नि०६ २४॥ | उवयारेण उ पगयं ८ ८ २८६ नि उवेहमाणे कुसलहिंसंबसे ८ १३९. ऊसास खंदएविय १२ EARCELECREGiri 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~30~

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