Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 17
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार] साहित्य प्रत सूत्राक १४ उपा. यहां १५ अंत देखीए १२म. १६प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९. सूत्राद्यादि. सूत्रे असंजलं जिणवसह ११ ११ स. असंवुडा अणादीयं ९ असंवुडे ण भैते ! अणगारे कि.सिज्झइ ? १२ ॥११॥ असंबुडे णं भंते! अणगारे पभू एगवनं ४ विउ० १२ असिपत्ते धणुकुंभे ९ ₹आसिपचे धणुकुंभे ११ असिपचे धणुकुंभे १२ असियसय किरियाण ९ असियसिरया सुनयणा१३ असिसचिकोततोमर०९ असुरकुमाराणं लेसातो१० सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. १४३ * असुरिंदवज्जियाणं १० ७५ * | असेसं अक्खयं वावि ९ | असोओ किचराणं च. १० अस्सग्गीवे ११ अस्सि च लोए अदुवा ९ २९८ । | अस्सि सुडिच्चा तिविहेण ९ ६७नि. अह कुसुमसंभवे काले १० १२* अहणे मते! सालीणं. २८* केव० जोणी १२ ११९ नि. अहणं वयमावनं ९ ८* अहणं से होइ उबलद्धो९ ७२ नि. अह तत्थ कंचि झुंजमाणं८ ३१९ | अह तत्थ पुणो णमयंती९ सूत्रायः। सूत्रायवि. सूत्रे, सूत्रायङ्क: | अह तं तु भेवमावौ १ २७९ * अहतं पवेज्ज वसं ९ ३५ * १०८ * अहण मूढण अमूढगस्स९ ५९०* १३६ * अह ते परिभासेज्जा ९ २१४ * अह दब्बसम्म इच्छाणुलोमियं८ २१७नि. ५९५ * | अह दुच्चरलाढमचारी ८ ८२ * ४९ * अह पास विवेगमुट्ठिए ९ अह पुण एवं जाणिज्जा८ २०९ २४५ अह पुणेवं जाणिज्जा ८ ५३३ * | अह पुरिसे पुरित्थिमाओ९ २८१ * अह भते! असंजयभविय२५६ दव्वदेवाणं १४ कस्स २५५ । कहिं उववाए १२ २६ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~17~

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