Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 11
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] साहित्य प्रत सूत्रांक १४ उपा. १५ अंत ४७* देखीए |१६ प्रश्न. १७विपा १८२ - ५५४ दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९खा . सूत्राचावि. सूत्रे. १० स्था. ११ स. अणुवीइ भिक्खू धम्ममाइ.८ १२ म. अणुसमयं च पवेसो ८ १३ ज्ञा. अणुसासणं पुढो पाणी ९ अणुसिपि बहुविध १७ अणुस्सुओ उरालेसु ९ | अणेगचित्त खलु अयं ८ | अणेगरूवाओ जोणीओ ८ अणेलिसस्स खेयने ९ अणोवसंखाइति ते उदाहू९ अण्णउत्थिया० एगेणं. दो आउयाई प० १२ अण्णउत्थिया० जुवति। जुवाणे १२ 3%854-%ERABHASKHE सूत्रा वक्तः। सूत्राचावि. सूत्रे, संत्रावक सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः १९२ अण्णउत्थियाण. अतारिंमतरतेगे ९ ५०२* ९.नि. एगेणब्दो किरिया १२८२ अतवस्सीए यजे केई ११ । ६१७ * अण्णउत्थियाण जालगे अतिकम्मति वायाए ९ ४३० * ६* ठिया सिया० १२ अतिपासं च सुपासं ११ १४४ * ४६६ * | अण्णउत्थियाणं नियंठे अचाण जो जाणति जो य९ ११४ कालगए जो अनेक अस्थि ण मते ! अकम्मस्स परियारेइ १२ गती पन्नायति ? १२ ६१९ * अण्णउत्थियाण राय अस्थि ण भंते ! अचिचावि ५३८ * बहिया अहे०एगे पोग्गला ओभासंति ११२ हरए अघे १२ ११२ अस्थि णं भंते ! अणुचरोअण्णाणिया ता कुसलावि९ ५३६ * ववाइया देवा ! १२ अण्णातपिंडेण हियासएज्जार ४०७ * | अस्थि ण भंते ! अब्बावाहा २०७ । अण्णायया अलोमे य ११५६* देवा १२ ASSAGAR ॥ ५ ॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~11~

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