Book Title: Anand Pravachan Part 08 Author(s): Anand Rushi, Kamla Jain Publisher: Ratna Jain PustakalayaPage 11
________________ Jain Education International मूल स्रोत लुद्धा नरा अत्थपरा हवंति, मूढा नरा कामपरा हवंति । बुद्धा नरा खंतिपरा हवंति, मिस्सा नरा तिनि वि आयरंति ॥ १ ॥ लोभी होते अर्थ परायण, काम परायण मानव मूढ बुधजन क्षमा परायण होते, मिश्र, वृत्तियाँ तीनों गूढ ! ॥ १ ॥ - - ते पंडिया जे विरया विरोहे, ते साहुणो जे समयं चरंति । ते सत्तिणो जे न चलति धम्मं, ते बंधवा जे वसणे हवंति ॥ २ ॥ पंडित विरत विरोध से रहते, वही साधु जो सत्त्वशाली, धर्म विपद सहायक बंधु समताचार । मार्ग स्थित, विचार ॥ २ ॥ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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