________________
* अहिंसा-वाणी
१०
श्री नन्द किशोर जी जैन, निहतौर
"मेरी श्रान्तरिक भावना है कि अधिवेशन सफल होवे । "
श्री चिरंजी लाल बड़जाते, बम्बई -
“मैं अधिवेशन की सफलता चाहता हूँ।" .
श्री राजाराम जी जैन, नई दिल्ली
श्री अखिल विश्व जैन मिशन का विदेशों में जैन धर्म प्रचार कार्य अत्यन्त सराहनीय है। आपने जो हिंसा संस्कृति सम्मेलन का आयोजन किया है वह प्रति प्रशंशनीय है। मेरी हार्दिक भावना है कि अधिवेशन पूर्ण सफल हो श्री मोती लाल जी जैन, बगौर हाउस, उदयपुर
" मिशन का अधिवेशन पूर्ण सफल होने के लिए मैं अपनी शुभ कामनाएँ भेजता हूँ ।
-
वर्तमान युग में विश्व तथा समाज की अशान्तिमय स्थिति सुलझाने के लिए मिशन जैसे परमार्थित्र एवं परमोयोगी संस्था की अत्यन्तावश्यकता है । श्रतः समाज के नेतागण एवं विद्वानों को तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मिशन के श्रादर्श कार्यों को देखते हुए उसकी उन्नति में सहायक होने का परम कर्तव्य है ।" श्री तिलोक विजय जैन मुनि, चाँदबड़, नासिक
"दैनिक नवभारत टाइम्स से ज्ञात हुआ है कि दि० ६-७ अप्रैल को • वि० जैन मिशन का सम्मेलन होने जा रहा है। पढ़कर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई । सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह श्रादि जैन सिद्धान्तों का प्रचार कार्य जैन मिशन द्वारा होता: श्रा रहा हैं जिसकी आज के युग में निवान्त श्रोवश्यकता है । ... सफलता चाहता हूँ ।"
श्री सूरजचन्द्र सत्यप्रेमी, उपकुलपति, जैनाश्रम, वारसी (शोलापुर)--
" जैन धर्म और महावीर स्वामी के उपदेशों का सार है - अपरिग्रह ! ज्योंज्यों पर पदार्थों से ममत्व कम होगा त्यों-त्यों हम पूर्ण स्वातंत्र्य की ओर बढ़ते जा जाएँगे । श्राप इसके प्रसार में सफल हों । "