Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 89
________________ * रिपोर्ट तृतीय वर्ष श्री अखिल विश्व जैन मिशन ( २ ) श्री वापना साहब सिटी मजिस्ट्रेट टोंक बा० सुजानमल जी M. A. L. L. B. वकील बा० बहादुरमवजी B. A. टोंक एवं रीजनल इन्सपेक्टर साहब म्यु० डिस्ट्रिक्ट बोर्ड जयपुर डिवीजन राजस्थान आदि ३४ सभ्रान्त सज्जनों को मिशन का साहित्य भेंट किया : और वे अत्यन्त प्रभावित हुये, व जैन मिशन के उद्देश्यों व कार्य प्रणाली की अत्यन्त प्रशंसा की 1 (३) जैन मिशन को बिवाहशादी के शुभअवसर पर यथा शक्ति सहायता देने का प्रचार किया गया फल स्त्ररूप कुछ रकम निकालने भी लगी हैं । आगामी वर्ष में सफलता मिलेगी १६-३-५१ राजकुमार शास्त्री रांची (विहार) मिशन केन्द्र ( गतवर्ष का कार्य विवरण - ) (१) ईसाई मिशनरियों को साहित्य भेंट किया गया । उनको प्रत्यक्ष में जाकर उसका महत्व समझाया गया । कई कई महानुभाव ऐसे प्रभावित हुये कि वे समय मिलने पर जैन मन्दिर आकर दर्शन करते हैं एवं जैन तत्व पालने की चेष्टा में हैं वे जैन धर्म को अखिल विश्व में व्याप्त होने की पूर्ण इच्छा कर रहे हैं । (२) रांची के जैन मन्दिर की बनावट एवं सुन्दरता बड़ी प्रसिद्ध है तथा इसकी प्रसिद्धि के फलस्वरूप रांची एव ं बाहर के काफी संख्या ७७ में जैन बन्धु दर्शनार्थ पधारते हैं । उनको धर्म का तत्व बताने एव ं अहिंसा का महत्त्व उनके हृदयों में बैठाने के हेतु बराबर मिशन साहित्य भेंट किया जा रहा है तथा साहित्य बांटने का कार्य मन्दिर का दरवान करता है । उस साहित्य के पढ़ने वाले इसकी बड़ी सराहना करते हैं । (३) अंग्रेजी पढ़े लिखे छात्रों एवं महानुभावों को अंग्रेजी एवं हिन्दी वालों को हिन्दी का साहित्य उनकी इच्छानुसार निरन्तर दिया जा रहा है । (४) कलकत्ता रथयात्रा में वितरणाथ मिशन साहित्य भेजा गया तथा वहाँ से बदले में प्राप्त बंगला साहित्य यहाँ वितरण किया गया समिति कलकत्ता के हम पूर्ण इसके लिये श्री दिगम्बर जैन युवक आभारी हैं। (५) गौशाला एवं गुरुनानक दिवस पर साहित्य वितरण किया गया जो कि सिक्खों एवं. अन्य समाजों द्वारा सराहा गया । (६) उत्साही जैन छात्रों द्वारा अपने अपने अध्यापकों एवं छात्र मित्रों में वितरण किया गया तथा उन्हें मिशन से परिचित कराया गया । (७) अन्त चतुदर्शी के दिन रथ यात्रा में मिशन साहित्य बाँटा गया। (८) श्री महावीर जयन्ती मनायी गयी। रांची के इतिहास में यह जय

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