Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

View full book text
Previous | Next

Page 88
________________ * अहिंसा-वाणी* से योग दें। १०. ,, मदनमोहन सहाय सिनगव - एक बार में पुनः समस्त सहायक तथा इंसपेक्कर सहयोगी बन्धुत्रों का श्राभार मानता हूँ। ११. ,, एस० एस० कापूर, डिप्टी प्रकाशचन्द्र टोंग्या, संचालक म० भा० ___कण्ट्रोलर आदि। कार्य विवरण टँडला केन्द्र समय समय पर फिरोजाबाद, (989-4) सिकोडाबाट आदि स्थानों पर पचार सिकोहाबाद आदि स्थानों पर प्रचार दिनांक ६ अक्टूबर ५१ को कार्य भी किया और मिशन के सदस्य स्थानीय मेले के सुअवसर पर जैन तथा V. O. A. के ग्राहक बनायें । मेला पंडाल में सी अखिल विश्व महावीर जयन्ती जैन मिशन, टंडला केन्द्र का प्रथम वर्षिक अधिवेशन हुआ । उपस्थित दिनांक ८ अप्रैल ५२ को स्थाजन समूह को मिशन के उद्देश्य व नीय श्री दि० जैन वीर सेवा मंडल के नीति से परिचित कराया गया तथा सहयोग से खूब शानदार ढंग से स्थानीय केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों मनाई, प्रातः काल प्रभातफेरी निकाली तथा सांय पबल्कि धर्मपर प्रकाश डाला गया, जनता बड़ी प्रभावित हुई। सभा में श्री जी० पी० नियोगी A. - निम्नलिखित अजैन महानुभावों M. O. की अध्यक्षता में एक सभा को उनकी जैन धर्म विषयक जिज्ञासा हुई। जिसमे जैन जैनेतर विद्वानों ने को पूर्ण करने के लिये जैन ग्रंथ, भगवान महावीर एवं जैनधर्म पर. . साहित्य आदि निरंतर पढ़ाया गया। अपने उद्गार प्रकट किये। बाहर से समय-समय पर मिशन के ट्रैक्ट भी- आये वक्ताओं में से श्री बलभद्र जी भेंट किये गये । इन्हें पढ़ कर निम्न० जन का नाम उल्लेखनीय है। अजैन सज्जन अत्यन्त प्रभावित हुये :- . वक्ताओं में सर्वश्री बीरबल दीक्षित M. १. श्री जी० पी० नियोगी A. लज्जाराम शर्मा M..A. तथा श्री २. ,, गौरीशंकर घोष प्रिंसीपल रेलवे हरिश्चन्द्र वर्मा M.A. ने बड़े रोचक - इंटर कालेज टँडला भाषण दिये-जिनेन्द्र (संयोजक) ३. ,, पी० के० भट्टाचार्य प्रिंसीपल वार्षिक प्रचार रिपोट नवाई केन्द्र - वीरीसिंह स्कूल टूंडला . (१) टोंक जिले व जयपुर जिले के ४.,, गोपाल चन्द्र बनर्जी २७ गांवों में जाकर अहिंसा विषयक ५., श्रार० एस० गुप्त । प्रचार किया व ट्रेक्ट बांटे। ३६७ ६., देवेन्द्र प्रताप कुल श्रेष्ठ ७. सतीशचन्द्र एम० ए० आदमियों ने मदिरा व मांस सेवन ८., सरदार पृथ्वीपाल सिंह BSc.. का त्याग किया। ३६ आदमियों ने ६. श्रीवास्तव I. O. W. रात्रि भोजन का त्याग किया।

Loading...

Page Navigation
1 ... 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98