Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 87
________________ * रिपोर्ट तृतीय वर्ष श्री अखिल विश्व जैन मिशन * (७) फ्रान्स-श्री फ्रान्सिस, होना स्वीकार किया। इसी अवसर पर नेनटिस श्रीमती गुलाब बाई सा० डोसी इन्दौर () हालेन्ड-ती भूषण प्रसाद ने भी अफ्रीका केन्द्र के लिए १.०१) जी जैन, हेग । दान स्वीकृत किया है। इसके पूर्व इस उपसंहार वर्ष में श्री जवरचन्द फूलचन्द गोधा ___ संक्षेप में मिशन के कार्य का यह . . ट्रस्ट इन्दौर ने हमें ५००) अफ्रिका में तीसरे वर्ष का सिंहावलोकन प्रसतुत केन्द्र स्थापनार्थ प्रदान करके हमारे है। लोक कल्याण के लिये कितना उत्साह को बढ़ाया है। अधिवेशन के विशाल क्षेत्र पड़ा हुआ है। अतः : समय १६५६॥) प्राप्त हुए हैं। हम सभी मिशन को सहयोग दीजिये और महावीर के सिद्धान्त प्रसार मे सहा- दान दाताओं को धन्यवाद देते हुए आगे भी इसी प्रकार सहायता प्रदान यक बनिये। करते रहने की आशा रखते हैं । गत वर्ष हमने अहिंसा सप्ताह भी मनाया के लिये क्षमा चाहते हैं। . विनीतः- था । अहिंसा-वाणी के खर्च एवं कामता प्रसाद जैन अधिवेशन खर्च के कारण सा० रिपोर्ट मध्यभारत शाखा __ आखिर में ३७३॥) का घाटा रहा। -- (अ० विश्व जैन मिशन इन्दौर)। - मैं श्रीमान् मशीर बहादुर जैन रत्न तृतीय वर्ष में म० भा० जैनमिशन सेठ गुलाबचन्दजी टोंग्या का पूर्ण ने काफी प्रचार कार्य किया। मध्य- आभारी हूं जिनकी देखरेख एवं निर्देशन भारत शाखा ने 'अहिंसावाणी' को में मध्यभारत शाखा इतनी जल्दी जन्म देकर उसके तीन अंकों का प्रगति करती जारही है। सेठ मंगलदास , प्रकाशन-व्यय स्वयं वहन किया । जी, जाहेरी मोहन भाई जी, रतनमिशन के प्रथम अधिवेशन का आयो- चन्द जी काठोरी एवं सभी सहायक जन भी उसने किया, जिसमें ६६४) को धन्यवाद देता हूँ। विशेष रूप रु० आमदनी से अधिक खर्च हए में भाई ईश्वर चन्द जी बडजात्या है । यह अधिवेशन काफी सफल रहा B. Com. साहित्य रत्न का आभारी और उसकी सफलता का श्रेय श्रीमन्त हूँ जिन्होंने पूर्ण रूप से नगर संयोजक भैय्या सा० राजकुमारसिंह जी का काम निभाया है।। काशलीवाल को हैं, जिन्होंने हमारी - मैं मध्यभारत की जैन एवं अजैन प्रार्थना को स्वीकार करके स्वागता. समस्त सत्य-अहिंसा प्रेमी जनता से निवेदन ध्यक्षस्त भार वहन कर हमारे कार्य करता हूँ कि 'मिशन' को अपनावें तथा को सुचारु रूप से पूर्ण किया। इसी हमारे कार्यों को अपना कार्य समझ कर अवसर पर आपने मिशन का संरक्षक विश्व में अहिंसा-प्रचारार्थ तन-मन-धन

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