Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 82
________________ ७० . * अहिंसा-वाणी* जैन युवक मंडल ने सहयोग प्रदान प्रोग्राम होता है, उसे रोचक और करके प्रचार किया। आकर्षक बनाने के लिए प्रयत्न किया (२३) कलकत्ता में श्री जयकुमार गया । योग्य जैन विद्वान अपनी जी और श्रीमंदरदास जी ने ट्रेक्ट रचनाओं के द्वारा इस प्रसार कार्य में वितरण किये । श्री डूंगरमल जी सहयोग दें। श्री भूषण प्रसाद जी ने डुंगरेश ने भी ट्रेक्ट छपवाये और हिलवर सम (हालेंड) रेडियो से वितरण किये। एवं प्रो० रामसिंह जी तोमर ने रोम (२४) बेगलौर में श्री के० पारस रेडियो से प्रचार किया। मल और भूरमल जी जैन ने प्रचार (१५) सहयोग और सदस्य ।। . किया और उत्सवों में साहित्य वितरण किया। श्री भूरमल जी ने बाहर ___ संक्षेप में सन् १९५१-५२ के प्रवास में घूम घूमकर प्रचार किया। तृतीय वर्ष के प्रचार की यह ऊपर (२५) कलपट्टा (मलाबार) में श्री रेखा है, जिसका विशेष विवरण डी० जिनचन्द्रय्य जी ने मिशन का समय २ पर पत्रिकाओं में पाठकगण केन्द्र स्थापित करके प्रचार किया। पढ़ते रहे हैं। यह पहले ही बताया - जा चुका है कि यह प्रचार कार्य अवैत (२६) धर्मस्थल (द० कनाड़ा) में श्री मा० वर्द्धमान हेग्गडे ने प्रचार निक सेवाभावी कार्यकर्ताओं द्वारा किया। किया गया है। निस्सन्देह मिशन के (२७) उदयपुर में श्री मोती लाल कार्य की सराहना प्रत्येक व्यक्ति ने जी ने सदस्य बनाये। की है; परन्तु सक्रिय सहयोग मिशन __(२८) दोघट (मेरठ) में श्री धर्म को बहुत ही थोड़े लोगों से मिला है। यदि समाज ने पूरा सहयोग दिया पाल जी ने प्रचार किया। , इस प्रकार इन सेवा भावी सह होता तो इससे कहीं ज्यादा कार्य किया योगियों द्वारा मिशन का प्रचार किया गया होता। गत महावीर जयन्ती गया। जिसके लिए हम उन सब के (ता० अप्रैल ५२) तक साधारण सदस्यों की संख्या कुल १६०+२८आभारी हैं। मिशन का एक व्यापक कार्यक्रम बन गया है-संयोजक गण २१८ के लगभग रही । इन्दौर और एवं सदस्य महोदय उसको कार्य रूप पानीपत केन्द्रों के सदस्यों की संख्या इसमें सम्मिलित नहीं है। इस वर्ष में लायें तो स्वयं उनका एवं दो लोक . निम्नप्रकार विशेष सदस्य बने :-- का कल्याण हो। (१४) रेडियो द्वारा प्रचार (१) विशेष सहायक गणः आल इंडिया रेडियो के प्रायः १. श्रीमान् जगत सेठ बसन्तलाल सभी केन्द्रों पर जो वीर जयन्ती- जी जैन, बाँकीपुर, पटना ४, ३५०)

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