Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 20
________________ * अहिंसा-वाणी * अभाव में झुलसता जारहा है। ऐसे वह जैनधर्म और जैन सस्कृति के समय में मिशन शांति के अग्रदूत के पुनरोद्धार का क्रियात्मक कार्य अपने रूप में अपने पावन उद्देश्य का संकल्प हाथ में ले । खोज वेत्ताओं ने तत्कालेकर जर्जरित मानवता का कल्याण लीन जैन नर्शन पर पर्याप्त प्रकाश नहीं कर सकने में पूर्ण रूपेण सफल होगा, डाला है, अतएव इस दिशा में भी ऐसो मेरी हार्दिक कामना है। समुचित खोज का कार्य होना आव___ इतिहास साक्षी है कि समस्त श्यक है। आज जो भी जैन साहित्य सौंसार में भारतवर्ष ही एक ऐसा देश उपलब्ध होता है, उसके प्रेरक निग्रंथ है जिसने भयानक, सर्वग्राही समय ज्ञातिपुत्र जिनेन्द्र-भगवान महावीर आने पर विकल-विश्व और पददलित थे। भगवान महावीर की वाणी ग्रंथमानवता को मुक्ति दिलाने के लिए बद्ध गणधर इन्द्रभूति गौतम ने किया अवतारों को जन्म दिया और उनके और उस जिनवाणी का निर्माण १२ द्वारा गूढ तत्वों की अमृत वृष्टि हुई। अंगों में हुआ । परन्तु तेजस्वी वर्तमान में भी यही विश्वास है कि ऋषियों के अभाव में यह प्राचीन भारत के सिवा और कोई देश इन। साहित्य धीरे धीरे विस्मृति के गर्त तत्वों की चरम सीमाओं को नहीं में विलीन होता गया । कलिग चक्रछू सका है। वर्ती खारवेल ने जैन यतिवरों का ____ इस अधिवेशन की सार्थकता पर सम्मेलन बुलाकर इस वाणी व मुझे यों भी विश्वास होता है कि वाङ्मय के उद्धार का यत्न किया था। मालब भूमि इस प्रकार के अलौकिक परन्तु उस सम्मेलन में भी उक्त कार्यों की लीलाभमि रही है। यह वही साहित्य लिपिबद्ध नहीं हो सका ! मालव है जहाँ पर शतकेवली. भदवार अतः वह भी काल के गहरे गर्भ में का बिहार हुआ। महापराक्रमी सम्राट लुप हो गया। जो शेष है वह भी संर. विक्रयादित्य का शासन रहा और A क्षण और संवर्द्धन के अभाव में लुप्त इसके गौरव मय इतिहास के स्मृति होता जा रहा है। मिशन के समक्ष यह चिन्ह, धार और अबंतिका के भग्ना ___ भी कार्य है, जिसपर ध्यान दिया वशेष, बावनगजी भगवान आदि जाना आवश्यकीय है। नाथ की विशाल मूर्ति, पावागिर क्षेत्र धर्म और संस्कृति की आधार ऊन व चंदेरी के कलापूर्ण प्राचीन शिलाओं को मजबूत बनाये रखना मंदिर आदि कई स्मारक आज भी होगा। इसके साथ ही व्यवहार और जैन संस्कृति और जैनधर्म का मौन आचरण की भूमिका पर खड़े रहने संदेश दे रहे हैं। की शक्ति मानव समाज को देनी मैं मिशन से आशा करता हूँ कि होगी। देश, काल और परिस्थिति के

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