Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 61
________________ श्री अखिल विश्व जैन मिशन के प्रथम अधिवेशन, इन्दौर में स्वीकृत हुए प्रस्ताव ... प्रस्ताव सं० १ जैन मिशन का यह अधिवेशन श्री डा० कामताप्रसाद जी जैन द्वारा लगभग तीन वर्ष से देश और विदेश से किये गये जैन सिद्धान्तों के प्रचार की रिपोर्ट को तथा आय व्यय के हिसाब को स्वीकार करता है। प्रस्तावक : प्रकाशचन्द्र जी टोरिया . सर्व सम्मति से स्वीकृत समर्थक्र : मोहनलाल जी जौहरी - ह. रिषभदास रांका . ६-४-५२ ई० प्रस्ताव सं०२ जैन मिशन का यह अधिवेशन प्रस्ताव करता है कि वर्तमान समय में बिरोध, हिंसा और अनैतिकता से बढ़ती हुई अशान्ति को दूर करने के लिये सारे विश्व में अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकान्त सिद्धान्तों का अधिकाधिक प्रचार किया जाय, जैन जनता से निवेदन करता है कि वह इन सिद्धान्तो अपने जीवन में उतारते हुए इस सम्प्रदायिक पुनीत कार्य में तन-मन-धन से सहयोग प्रदान कर मिशन के कार्यक्रम को प्रगति दें और सफल बनायें। प्रस्तावक, सत्यन्धरकुमार जी सेठ सर्व सम्मति से स्वीकृन समर्थक, मिश्रीलाल बोहरा ह० रिषभदास रांका अनुमोदक, पं० भगवानदास जी जैन ६-४-५२ ई० प्रस्ताव सं०३ अहिंसा संस्कृत के प्रचार के लिये और जनता में सांस्कृतिक भावनायें जागृत करने के लिये यह आवश्यक है कि ऐसी संस्थायें स्थापित हों जो जैन संस्कृति के वर्तमान रूप के अनुकूल हों और जो प्रचार में पूरा-पूरा सहयोग दे सकें। जिस स्थान के महानुभव इस प्रकार की संस्थायें स्थापित करें मिशन उनके कार्य में पूरा सहयोग दे। .. प्रस्तावक, पं० सुमेरचन्द शास्त्री सर्व सम्मति से स्वीकृत समर्थक, मंगलदास सेठ ह० रिषभदास रांका ६-४-५२ ई०

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