Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01
Author(s): Aryarakshit, Punyavijay, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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आ.श्रीजिनदासगणिविरचितचूर्णि-हरिभद्रसूरिविर० विवृति-मल० हेमचन्द्रसूरिविर०वृत्तिभिः समेतम् २८२
पारिणामियनिप्पन्ने५, अत्थिणामे उदइएखयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ६, अत्थिणामेउवसमिएखइएखओवसमनिप्पन्ने७, अत्थिणामेउवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ८, अत्थि णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने९, अत्थिणामेखइएखओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने १०॥
[सू० २५५] कतरे से णामे उदइए उवसमिए खयनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उदइए उवसमिए खयनिप्पन्ने १।- कतरे से णामे उदइए उवसमिए खयोवसमियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसायाखयोवसमियाइं इंदियाई, एसणं से णामे
उदइए उवसमिए खओवसमनिप्पन्ने २ । कयरे से णामे उदइए उवसमिए 10 पारिणामियनिप्पन्ने? उदएत्तिमणूसे उवसंता कसायापारिणामिएजीवे, एस
णं से णामे उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ३। कयरे से णामे उदइए खइएखओवसमनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खइयंसम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई, एसणंसे णामे उदइएखइए खओवसमनिप्पन्ने ४। कतरे से णामे
उदइएखइएपारिणामियनिप्पन्ने ? उदये त्तिमणूसे खइयंसम्मत्तंपारिणामिए 15 जीवे, एसणंसेनामे उदइएखइए पारिणामियनिप्पन्ने ५। कतरेसेणामे उदइए
खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने? उदयेत्तिमणूसेखयोवसमियाइंइंदियाई पारिणामिए जीवे, एसणं सेणामे उदइएखओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ६। कतरे से णामे उवसमिए खइए खओवसमनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया
खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उवसमिए खइए 20 खओवसमनिप्पन्ने७। कतरेसेणामे उवसमिएखइएपारिणामियनिप्पन्ने?
उवसंताकसायाखइयंसम्मत्तंपारिणामिए जीवे, एसणंसेणामे उवसमिए
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