Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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आचाराङ्ग
[३७]
के. आर. चन्द्र 7. महावीर जैन विद्यालय, बम्बई के संस्करण और भांडारकर
ओरिएन्टल रीसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना की ताड़पत्रीय वि. सं.
1348 की प्रति के पाठों की तुलना मजैवि.
सूत्र नं. पूना की प्रति
सण्णा
एवमेगेसिं
सन्ना एवमेकेसि नातं सहसम्मुदियाए एवमेकेसि नायं लोकावाई लोकंसि
णातं सहसम्मुइयाए एवमेगेसिं णातं लोगावादी लोगंसि निरए पुढविकम्मसमारंभेणं णिडालमन्भे णिक्खंतो इहमेगेसिं निरए
नरए
पुढविकम्मसमारंभेण निलाडमब्भे निक्खंतो इहमेकेसिं नरये
णेव
नेव
खेत्तण्णे
खेयन्ने
अहं तिरियं अण्णेहिं
अधं तिरियं अन्नेहि
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