Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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[५० ]
पाठों की तुलना
आचाराङ्ग ( आगमो.) के प्रथम अध्ययन की निर्युक्ति-गाथाओं में दन्त्य नकार के प्रयोग
प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन
14.
प्रारंभिक नकार (गाथा नं. 1 से 171 )
न
नत्थि
नर
नव
नवण्ह
नवम
नवमग
नवर
नाणत्त
नाणत्ती
नाणाविह
नाम
निउण
निओय
निक्खम
निक्खमण
निक्खिव
निक्खिवण
निक्खेव
निग्गुण
निच्छीरं
निज्जाणं
निज्जुत्ति
निद्दोस
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4, 63, 82, 83, 135, 143
66, 98, 99, 153
97
20, 30
18
34
22, 32
5
80, 81
106, 116, 126, 152, 164
133
40, 55, 58, 69, 76
89 (दो बार )
143
159
90, 158
4 (दो बार), 88, 104
92
2, 3, 4, 68, 69
100
140
34
1, 115, 125, 151, 163, 171
100
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