Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन [२२९] संस्करणों के पाठों की तुलना प्रा. अब्भाइक्खेज्जा ।जे लोकं अब्भाइक्खति से अत्तानअब्भाइक्खति, शु. अब्भाइक्खेज्जा । जे लोगं अब्भाइक्खइ, से अत्ताणं अब्भाइक्खइ; आ. अब्भाइक्खेज्जा, जे लोयं अब्भाइक्खइ से अत्ताणं अब्भाइक्खइ, जै. अब्भाइक्खेज्जा ॥ जे लोगं अब्भाइक्खइ, से अत्ताणं अब्भाइक्खइ । म. अब्भाइक्खेज्जा । जे लोगं अब्भाइखति से अत्ताणं अब्भाइक्खति
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प्रा. जे अत्तानं अब्भाइक्खति से लोकं अब्भाइक्खति । जे शु. जे अत्ताणं अब्भाइक्खइ, से लोगं अब्भाइक्खइ। आ. जे अत्ताणं अब्भाइक्खइ से लोयं अब्भाइक्खइ (३१) । जै. जे अत्ताणं अब्भाइक्खइ, से लोगं अब्भाइक्खइ ॥ ६७. म. जे अत्ताणं अब्भाइक्खति से लोगं अब्भाइक्खति । प्रा. दीहलोकसत्थस्स खेत्तन्ने से असत्थस्स खेत्तन्ने, जे शु. दीहलोग-सत्थस्स खेयन्ने, से । असत्थस्स खेयन्ने; जे आ. दीहलोगसत्थस्स खेयण्णे से असत्थस्स खेयण्णे जे जै. दीहलोग-सत्थस्स खेयण्णे, से असत्थस्स खेयण्णे । जे म. दीहलोगसत्थस्स खेत्तण्णे से असत्थस्स खेत्तण्णे, जे
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प्रा. असत्थस्स शु. असत्थस्स
असत्थस्स
असत्थस्स म. असत्थस्स
खेत्तन्ने . से दीहलोकसत्थस्स खेयन्ने, से दीहलोग-सत्थस्स खेयण्णे से दीहलोगसत्थस्स खेयण्णे, से दीहलोग-सत्थस्स खेत्तण्णे से दीहलोगसत्थस्स
खेत्तन्ने । खेयन्ने । खेयण्णे (३२) खेयण्णे । खेत्तण्णे ।
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