Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 1
________________ हस्तप्रतों में उपलब्ध प्राचीन पाठों (शब्द-रूपों) के आधार पर भाषिक दृष्टि से पुनःसम्पादित आचाराग प्रथम श्रुत-स्कन्ध : प्रथम अध्ययन गगहराना मासुत गथात अरहा, निनाग-भाव वि.नि.१३॥ लगवंच गं ग्रहमागहीर लासाए घम्समाइरकर-समया.सू. संपादक : के. आर. चन्द्र प्राकृत जैन विद्या विकास फंड अहमदाबाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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