Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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पंक्ति संस्करण.का नाम - प्रकाशन वर्ष संकेत १. नव-सम्पादित संस्करण, 1997 A.D. प्रा. २. वाल्थेर शुब्रिग, 1910 A.D. शु. ३. आगमोदय समिति, 1916 A.D. आ. ४. जैविभा. वि.सं. 2031/1974 A.D. जै. ५. 'मजैवि.
1977 A.D. म. [इससे स्पष्ट होता है कि समय के प्रवाह के साथ और स्थलान्तर से मूल पाठ में कितना भाषिक परिवर्तन हो सकता है। इसी तथ्य की पुष्टि मेरी पुस्तक 'परंपरागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अर्धमागधी', १९९५ A.D. के अध्ययन नं. १५ (मूल अर्धमागधी के यथास्थापन में विशेषावश्यक-भाष्य की जेसलमेरीय ताड़पत्र की प्रति में भाषिक दृष्टि से उपलब्ध प्राचीन पाठों द्वारा एक दिशा-सूचन) और 'Editing of Ancient Ardhamāgadhi Texts in View of the Text of Visesavasyaka-Bhasya, (published in the 'NIRGRANTHA' Vol. 1, pp. 1-10, S.C.E.R. Centre, Shahibag, Ahmedabad, 1995 A.D.) में हो रही है ।] -
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