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महाअशुभ कर्म मोहनीय होता है। आठ कर्मो का क्षय होता है । 4 घाती कर्म का क्षयोपशम | मोहनीय का उपशम । आठ कर्मों का उदय ।
42) तीर्थंकरों के अतिशय कितने होते है? उ. (34)
43) वचन के गुण अरिहन्त में कितने होते हैं ? उ. (35)
44) जम्बू द्वीप में कितने विजय (क्षेत्र) होते हैं ?
3. महाविदेह में (32) + 2 ( भरत व एरावत) = 34
45 ) जम्बू द्वीप में कितने विजयों में तीर्थंकर हैं ? (वर्तमान काल में)
उ. (4) महाविदेह की 4 विजयों में 46) लोक में कुल कितने विजय हैं?
उ. महाविदेह पांच 32x5 विजय (160) +10 (भरत पांच, ऐरावत पांच) = 170
47 ) अजितनाथ भगवान के समय कितने तीर्थंकर 'हुए थे ?
49)
3.
(170) तीर्थंकरोंकी उत्कृष्ट संख्या (पांच महाविदेह में 160 + पांच भरत में 5 + पांच ऐरवत में 5 )
48 ) अभी वर्तमान में कुल कितने तीर्थंकर है ? बीस । पांच महाविदेह में X 4
उ.
एक अवसर्पिणी कितने सागरोपम की होती है ?
उ. 10 कोड़ा - कोड़ी सागरोपम का 50) अवसर्पिणी काल में कितने आरे होते हैं ? उ. 6 आरे
51) अवसर्पिणी में कितने तीर्थंकर होते है ? उ. एक भरत में चौबीस एक ऐरवत में
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24, कुल 5 भरत +5 ऐरावत 10 में, 24x10 = 240 तीर्थकर होते है ।
52 ) तीसरे व चौथे आरे में कितने तीर्थंकर होते है ? ( अवसर्पिणी काल में)
उ. तीसरे में एक, और चौथे में तेईस । 53) अभी कौनसी विजयों में तीर्थंकर है ?
उ. 8वीं, 9 वीं, 24 वीं, 25 वीं विजय में (प्रत्येक महाविदेह में) 5x 4 = 20
54) संघ मे सदा जागृत मुखिया कौन है ? उ. आचार्य
55 ) मोक्ष प्राप्ति की विधि नियम को क्या कहते है ?
उ. आचार (चरण करणानुयोग)
56) प्रवर्तन - सिंघाड़ापति (प्रेरकता देनेवाले) आदि के लिए प्रमुखता देने वालों को क्या कहते है ?
उ. धर्म नेता ।
57 ) मर्यादा का संकेत किस शब्द में है ? आचार्य उ. (आ-मर्यादा) “आचार" में
58) अरहोन्तर का अर्थ क्या है ?
59)
उ. अरह- अन्तर, जिससे कोई रहस्य छिपा नही ।
आठ महाप्रतिहार्य किसके होते है ? उ. अर्हन्त के ( अरहन्ताणम्)
60) जिनको आसक्ति नहीं होती, उसे क्या
कहते हैं ? उ. अर्हन्त
61) परिग्रह का दूसरा नाम क्या है ? उ. रथ को परिग्रह रूप माना है ।
62 ) वह कौन है ? जिसने परिग्रह रूपी रथ का अन्त कर दिया है?
उ. अस्थान्त ।