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(भाग - 7)
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अनुक्रमणिका 1. मैसूर चातुर्मास की एक झलक 2. विनय बोधि कण, कण नहीं, विनय बोधि मण है 3. 25 बोल परिभाषाएँ 4. मैं एक आत्म दीप 5. सामायिक ज्ञान - 1 6. सामायिक ज्ञान - 2 7. सामायिक ज्ञान - 3 8. सामायिक ज्ञान - 4 9. जीव का उद्धार प्रतिदिन : आवश्यक चिन्तन 10. अमृत वृद्धि झरना 11. सूर्यो के सूर्य महावीर 12. विचित्र प्रश्न 13. ऐसा आश्चर्यकारी 14. पशु कौन, मानव कौन 15. गुणस्थान गणित 16. आराधना ज्ञान - आलोचना ज्ञान 17. संथारा - महासाधना न कि आत्महत्या 18. आत्म हत्या 19. संथारा - समाधि मरण 20. संथारा अमृत 21. महासूत्र उत्तराध्ययन - भगवान के महाउपदेश
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पंच परमेष्टी स्तुति अविनाशी अविकार परम रस धाम है। समाधान सर्वज्ञ सहज अभिराम है। शुद्ध बुद्ध अविरुद्ध अनादि अनंत है। जगत शिरोमणि सिद्ध सदा जयवंत है।
समता में वर्ते सदा, ममता दूर निवार । साधै मारग मोक्ष नो, वंदु ते अणगार ।।