Book Title: Vinay Bodhi Kan
Author(s): Vinaymuni
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Sangh

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Page 299
________________ बदल आपनो भाव पूर्वक आभार मानीए छीए अने कोई पण | प्रयत्नशील है। उसके लिए साधुवाद के पात्र है। श्रावकों का साहित्य होय तो नीचेना सरनामें मोकलवा कृपा करशोजी। | धन पुण्यानुबंधी पुण्य है। १०-११-२००८,ओज ली. गुरू आज्ञाथी मुनि हर्षवर्धन, शांति निकेतन प्रतिष्ठान, ब्राह्मणी, अनंत शाह, अहमदाबाद, (गुज.) अहमदनगर (M.S) विद्वद्वरेण्य मुनिप्रवर श्री विनयमुनिजी म.सा, सुखसाता! पुस्तक अत्याधिक सुन्दर हैं। इसको पढ़कर प्रसन्नता हुई। आपका स्वास्थ्य स्वस्थ होगा। यहाँ कुशलता है। धर्म आराधना साध्वी श्री कुमुदलताजी, वैशालीनगर, अजमेर (राज.) सानंद चल रही है। आपने प्रश्नोत्तरी का जो ग्रन्थ भेजा, वह प्राप्त हुआ। स्वाध्याय के लिये अच्छा आधार है। योग्य कामकाज आपने हमको स्मृति में लाए, ये बुक ज्ञान का खजाना है। वह लिखें।, ज्ञान हमारे सभी के जीवन में सम्यक बने यही कामना। उपाध्याय मणिप्रभसागर, हैदराबाद (A.P.) सदैव आपको याद करने वाला आपका अपना मुनि पारस मुम्बई प्रिय आत्मन् श्रावक रत्न श्री चंपालालजी सा, मकाणा सच में ही साधु • मंगल धर्मलाभ! “विनय बोधि कण' प्रस्तुत प्राप्ति साध्वियों के लिए पितृ तुल्य ही है। इस ३ ३ भाग के संकलन पर साधुवाद समर्पित करते हैं। इस पुस्तक से जैन धर्म के में उनका कठिन परिश्रम अति प्रशंसनीय हैं। गणेश बाग में गूढ़ तत्व ज्ञान को सरलता से समझा जा सकेगा। लेखन ऐसे मुनिराज का चातुर्मास सफलता की गारंटी ही है। से लेकर प्रकाशन तक सभी सहयोगी संतो, सुश्रावकों को आपका अपना ही आत्मिक धन्यवाद समर्पित करते हैं। चित्रांकन, सुप्रिन्टिंग मुनि हर्ष वर्धन (M.S) से युक्त पुस्तक बेहद सुन्दर है, ज्ञान प्रचार में इसी तरह आगे बढ़ते रहें एवं सत्यवाणी, जीवन सापेक्ष मौलिक चिंतन डॉ. सरोज श्रीजी म.सा.ने वे दोनों पुस्तकें रख ली। आगे से आगे फैलाते रहें, इसी शुभेच्छा के साथ प्रणाम, जैन महिला स्थानक, वीरनगर, दिल्ली प्यार, आशीर्वाद योग्य सेवा लिखें। पुनः साधुवाद, मंगल धर्मलाभ, उज्जवल भविष्य की शुभेच्छा के साथ... 'विनय बोधि कण' स्वाध्याय में बहुत उपयोगी रहेगी। पू. गुरु ललित चन्द्रप्रभु शिष्य, मुनि शान्तिप्रिय गौतम मुनीजी म.सा ने किताब की बहुत तारीफ की है। ___ सम्बोधि धाम, जोधपुर (राज.) कान्तीलाल बोथरा, रतलाम (म.प्र.) पुस्तकों का अवलोकन कर तथा पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। पूज्य महाराज श्री जी व आपकी इस धर्म प्रभावना हेतु कोटिशः श्री राजेन्द्र मुनिजी म.सा, आष्टि बीड (महाराष्ट्र) कोटिशः साधुवाद। पुनः पुनः धर्म स्नेह। धर्म संदेश। पूज्य प्रवर्तक श्री अमर मुनिजी म.साकी आज्ञा से, वरूण मुनि दक्षिण भारत से गांव गांव में धर्म का प्रचार, घर घर, गांव 'अमर शिष्य' शहर में पहुंचा रहे, 'विनय बोधि कण' अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। आप द्वारा एक पुस्तक पहले आई थी। वह आपके द्वारा भेजी गई बुक, साध्वी युगल निधि कृपा को पुस्तक आचार्य प्रवर हस्तीमलजी म.सा की सुशिष्या हमने दे दी है। पूज्य साध्वीजी ने पूछवाया है, १०० प्रतियाँ महासतीजी ठाणा ६ की सेवा में उपयोग हेतु भेज दी थी। चाहिये। हम प्रतियोगिता में इस्तेमाल करने की भावना रखते उनके अध्ययन के पश्चात यह पुस्तक श्री जैन रत्न हितैषी है। शेष कुशल श्रावक संघ भोपालगढ़ जिला जोधपुर के पुस्तकालय विभाग मैत्री चेरिटेबल फाउन्डेशन, नई दिल्ली में भेजने को कहा गया है। अभी महासतीजी की छोटी शिष्याओं द्वारा पढ़कर नोट करके अध्ययन कर आगे भेज 'विनय बोधि कण' पुस्तक क्या है ? साक्षात समुद्र मन्थन दी जायेगी। आपको धन्यवाद के साथ बहुत बहुत साधुवाद। द्वारा निकाला गया अमृत कलश है। पृष्ठ-पृष्ठ पर मुनिश्रीजी द्वारा बतलाया गया आध्यात्मिक, नैतिक जीवन बनाने का ___ मनमोहनचंद जैन, कानपुर (उ.प्र) सीधा राजमार्ग है। जिसे पढ़कर यदि मानव इन्ही विचार पढ़मं नाणं, भ. महावीर ने ज्ञान को सबसे पहली आवश्यकता धाराओं पर नियमित चलता रहे तो जीवन का सर्वांगीण बताई है। उसी को साकार रूप देने के उद्देश्य से आप | विकास हो सकता है। मोक्ष मार्ग पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का

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