Book Title: Vinay Bodhi Kan
Author(s): Vinaymuni
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 319
________________ सनवाड़ स्थानक के लाइब्रेरी रजिस्टर में ८९४ न. पर | आगम भवन औरंगाबाद इसका पूरा पूरा सदुपयोग करेगा। जमा कर ली गई है। धन्यवाद ! आपकी सेवामें सदैव । नवलसिंह चपलोत, सनवाड़ (राज.) नरेश गणेशमल बाफना, औरंगाबाद (M.S) 'विनय बोधि कण' पुस्तक से संघ के सभी घटक तथा ग्रन्थ सभी को बहुत ही पसंद आया, चित्रावली ने पुस्तक स्वाध्यायी बंधु लाभान्वित होगे। में चार चांद लगा दिए। समझने में बहुत ही सरल भाषा मे __शांतिलाल कोठारी, चिकारड़ा (राज.) लिखा है, सकल संघ ग्रन्थ का उपयोग ले रहा है। 'विनय बोधि कण' का स्वाध्याय करने में आनंद आ रहा मनीष बोगावत, पाढर कवड़ा (M.S) है। अनमोल रत्न है। अध्यात्म ज्ञान का उत्तम संग्रह है। देवीचंद भण्डारी, स्वाध्याय चिंतन केन्द्र, जयपुर (राज.) 'विनय बोधि कण' बहुत ही उपयोगी लगी। आपकी इस श्रुतसेवा के लिए हार्दिक आभार । वरिष्ठ स्वाध्यायी, जशकरण डागा, टोंक (राज.) रतनलाल जैन, स्वाध्याय संघ, गुलाबपुरा (राज.) हमने ज्ञानार्जन शुरू कर दिया है। आसींद संघ द्वारा बधाइयाँ, ग्रन्थ मिला प्राज्ञ महिला मण्डल, गुलाबपुरा (राज.) श्री स्था संघ, आसींद (राज.) चारित्र आत्माओं द्वारा 'विनय बोधि कण' का उपयोग हो आप जो जिन शासन की प्रभावना कर रहे हो वह शब्दातीत रहा है, बहुत ही उपयोगी है है, पुस्तक पठनीय और अभिनन्दनीय है। वरिष्ठ स्वाध्यायी, चंचलमल चोरड़िया, जोधपुर (राज.) कमलचंद कटकानी, रतलाम (म.प्र) पू. विनयमुनिजी की बहुत अनुकंपा से हमें सद् साहित्य 'विनय बोधि कण' की प्राप्ति से प्रसन्नता हुई, अन्य पढ़ने को मिल रहा है। साहित्य भिजावे बंशीलाल बाफना, भूपाल सागर (राज.) मंजुश्री बहुमंडल, कोपरगांव (M.S) आचार्य सुदर्शनलालजी म.सा की सेवा में प्रस्तुत कर दी बहुत ही उपयोगी ग्रन्थ साबित होगा। गई है। वर्द्धमान पावेचा, मोरा (म.प्र) ताराचंद जैन, नसीराबाद (राज.) महिला संघो के लिए बहुत ही उपयोगी महत्वपूर्ण ग्रन्थ 'विनय बोधि कण' बारी बारी से समाज के घरो में पढ़ने हेतु भेज रहे है। पुस्तक बहुत ही अच्छी लगी। नोरतनमल चपलोत, गुलाबपुरा (राज.) उत्तमचंद लूणावत, श्रीसंघ, मदारगेट अजमेर (राज.) 'विनय बोधि कण' की दस प्रतियें भिजवाने की कृपा करावें। 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ का फिलहाल अध्ययन चारित्र आर.हरखचंद डोसी, सांचोर (राज.) आत्माएं कर रही है। एक अच्छी पुस्तक मिली, बहुत बहुत धन्यवाद भीकमचंद सुराना, गोविन्द गढ़ (राज.) जयप्रकाश सिंघवी, जैन संघ। बकानी (राज.) सन् १९९६ में दर्शन हुए, शरीर ९० वर्ष का हो चुका है। 'विनय बोधि कण' हमारे ज्ञान भण्डार में रखी गई है। | रायपुर में निर्मित 'विनय बोधि कण' का प्रथम भाग धन्यवाद देखकर अति आहलाद हुआ। खरतरगच्छ संघ, जयपुर (राज.) स्वतन्त्रता सेनानी तथा पूर्व विधायक, चंदनमल बनवट, आस्टा (म.प्र) बहुत ही सारगर्मित तथा सभी के लिए उपयोगी है। (मूल निवासी - खींचन) बुधराज जामड, मेड़ता सीटी (राज.) है। 295

Loading...

Page Navigation
1 ... 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336