Book Title: Vinay Bodhi Kan
Author(s): Vinaymuni
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Sangh

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Page 310
________________ 'विनय बोधि कण' प्राप्त हुई। सुबह में धार्मिक क्लास और | 'विनय बोधि कण' का प्रथम पृष्ठ देखते ही दो महान आत्माओं प्रवचन भी एक मास तक सुनने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। के चित्र देखकर आंसू की धारा बहने लगी, वो कितने सुबह की क्लास और गुरूदेव के प्रवचन काफी प्रभावशाली महान थे, जिन्होंने धर्मध्यान के लिए धर्मस्थान का निर्माण और जैन दर्शन की जानकारी देने वाले रहे। कुन्नर वासी भावना बनाई। उनके परिवार को बारम्बार धन्यवाद है काफी लाभ ले रहे है। उन्होंने स्वर्गस्थ आत्मा को शान्ति प्राप्त हो। अतः उनके आनन्दराज जैन C.A. (झाबक)खींचन, कुन्नुर (T.N.) विचारों को मुहरत रूप दिया। आपने लक्ष्मी का सद् उपयोग किया। लक्ष्मी वो छोड़ गए परन्तु आप परिवार ने उनकी 'विनय बोधि कण' पुस्तक जो भेजी, वह बहुत ही श्रम इच्छा को बहुत अच्छा रूप दिया। जरूर इनकी आत्मा जहाँ साध्य एवं संकलन, सम्पादन, प्रेसकार्य आदि अवर्णनीय होगी शांति मिलेगी। गुरूदेव ने बड़ी कृपा -चातुर्मास दिया। श्रेष्ठ है। मेटर भी धर्मकथा, धर्मबोध युक्त है। यह पत्र राजकोट अब अपन सभी का लक्ष्य होना चाहिए कि साधु साध्वी को से लिखवाया गया है। बुलवावें और आराधना भवनमें ३६५ दिन दरवाजे खुले छोटमल दिलीपकुमार गोलेछा, रायपुर (C.G) रहें, संवर निर्जरा में ही उपयोग होना चाहिए, आडम्बर आरंभ समारंभ से बचना चाहिए। आगम मंथन कर ज्ञान के प्रकाशवान कणों को 'विनय बोधि मै पुनः स्वर्गीय आत्मा को श्रद्धांजलि देता हूँ। कण' पुस्तक का रूप देकर पाठकों के लिए एवं स्वाध्याय बंशीलाल कोटेचा, शिवाजीनगर, मदनगंज (राज.) बन्धओं के लिए आगम की जानकारी सुलभ करा दी। अंधकार में भटकते मस्तिष्क का नया आलोक देगी एवं जीवन का मालवा तथा इन्दौर में श्रावक श्राविकागण तथा पंचम पद उर्ध्वपथ प्राप्त करेगी। के अधिकारी भी 'विनय बोधि कण' की चाहना रखते है। गणेशलाल गोखरू, उदयपुर, श्री देवेन्द्र धाम, उदयपुर (राज.) उचित जगह, उचित व्यक्ति को निरन्तर देते रहते है। पू. विनय मुनिजी म.सा को हमारे परिवार की वंदना अर्ज 'विनय बोधि कण' प्राप्त हुई। पुस्तक बहुत ही महत्वपूर्ण करावें। तथा जैन धर्म की समस्त जानकारियां उसमें निहित है।इस कस्तूरचंद शांतिलाल राजेन्द्र कुमार महेन्द्र कुमार ललवानी, इन्दौर (म प्र.) पुस्तक के अध्ययन से जैन धर्म की जानकारी उन लोगों को भी हो सकती है जो जैन नहीं है। छपाई एवं कवर इत्यादि विनय बोधि कण' मलेल छ। आपे आq सुन्दर अमुल्य अत्यन्त मोहक है। पुस्तक अमारा संघने याद करीने मोकलाव्यु ते माटे जयसिंगपुर प्रो. मंगलचंद टाटिया, जबलपुर (म.प्र.) संघ तरफथी अमे हार्दिक आभार मानीए छीए। सद्दर पुस्तक जैन धर्मनो अमूल्य खजानो छे। जैन धर्म ना मूल सिद्धान्तों पुस्तक कानपुर संघ को प्राप्त हुई, ऐसी बहुमुल्य पुस्तक ने खूबज सरल भाषामां तथा चित्रों द्वारा खूबज सुलभ कभी कभी ही देखने को मिलती है। ज्ञान से परिपूर्ण इस रीते समजावेल छ। पुस्तक को बार बार पढ़ने का मन प्रत्येक को होता है। जयसिंगपुर स्था. संघ ट्रस्ट, कोल्हापुर (महाराष्ट्र) कानपुर स्था.संघ, मनमोहनचंद बाफना (U.P.) विनय बोधि कण' बहु उपयोगी स्वाध्याय पुस्तक छ। मने आ प्रमाणे पुस्तको खास करीने आफ्रिका वसता जैन परिवार ने 'विनय बोधि कण' में स्वाध्यायार्थ बहुत ही उपयोगी सामग्री संघ उपयोगी रीते जैन समाजने मोकलु छ। आपश्री ने पण है। शास्त्र की जानकारी कषाय निवारण कर्म बंधन-मुक्ति, योग्य लागे तो आफ्रिका, युगान्डा, कंपाला जैन समाजने प्रतिक्रमण सामायिक का वर्णन है। पुस्तक का एक भाग विभिन्न नामे Post Box 7825 हेम इन्टरनेशनल नामे मोकली शको चित्र युक्त चित्र बहुत ही सुन्दर हैं। चित्रों को देखते ही छो। व्यक्ति पढ़ने को उद्यत होजाता है। आपसे विनम्र अनुरोध है कि अमोल जैन ज्ञानालय द्वारा पूज्य आचार्य अमोलक ऋषिजी इन्दिरा मनहरलाल मोदी, राजकोट (गुज.) द्वारा लिखित जैन तत्व प्रकाश की २०वी आवृत्ति प्रकाशित जैन तत्व के सभी विषयों को प्रश्नोत्तरी के रूप में सम्मिलित होने जा रही है। उपरोक्त सभी चित्र हम उसमें देना चाहते है। "हमें आज्ञा दिरावें"। करके आपके मंडल ने शासन की बड़ी सेवा की है। हमने इन चारों भागों का गुजराती भाषा में भाषान्तर कर दिया प्रो. प्रेमसुख छाजेड़, मन्त्री धुलिया (महाराष्ट्र)

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