________________ 48 Homage to Vaisali तरुण लिच्छवियों के रथ के धुरों से धुरा, चक्कों से चक्का और जुओं से जुआ दकग दिया। लिच्छवियों में जब इसका कारण पूछा, तो बोलो' "आर्यपुत्रो ! क्योंकि मैंने भिक्ष-संघ के साप भगवान् को कल भोज के लिए निमंत्रित किया है।" 'अरे ! अम्बपाली, सौ हजार लेकर इस भोज को हमें देने दो।" "यदि वैशाली-जनपद भी दे दो, तो भी इस महान मोज को मैं नहीं दूंगी।" इस पर लिच्छवियों ने कहा था-"अरे! हमें अम्बिका ने जीत लिया, हमें अम्बिका ने छका दिया।" इस घटना से यह भी पता लगता है कि वैशाली के शासक एक गणिका के आत्मसम्मान का भी कितना ख्याल करते थे। इसी बार अम्बपाली ने अपने आम्रवन को भिक्षु-संघ को प्रदान किया था। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन का अन्तिम वर्षावास बेलुवगामक नामक वैशाली के पास के ग्राम में बिताया। वैशाली से अपने निर्वाण-स्थान कुसीनारा (कसया) की ओर जाते वक्त रास्ते में उन्हें भण्डगाम, अम्बगाम, हत्थिगाम (हस्तिग्राम) मिले थे। इसके आगे मोगनगर आया, जो सम्भवतः वज्जी प्रजातंत्र से बाहर का गांव था। वज्जी भूमि की नदियों में मही और वग्गुमुदा दो के नाम मिले हैं / वग्गुमुदा सम्भवतः वागमती का ही नाम था। वैशाली संघ-राज्य के इतिहास के बारे में यहाँ पालि में मौजूद ऐतिहासिक सामग्री के आधार पर कहा गया है। बौद्ध वाङ्मय पालि के अतिरिक्त चोनी और तिब्बती भाषा में भी बहुत विशाल परिमाण में पाया जाता है। उससे भी हमें कितनी ही महत्त्वपूर्ण ज्ञातव्य बातें मालूम हो सकती हैं। फिर जैन वाङ्मय भी बहुत विशाल है और उसके कितने ही ग्रन्थ अब भी अप्रकाशित हैं। जैन प्राचीन ग्रन्थों की दुहाई देते रहने पर भी वैशालिक भगवान् महावीर को जैन लोग इस भूमि से दूर खींच ले गये हैं। अपने वाङ्मय के अध्ययन से यह समझना मुश्किल नहीं होता कि श्रमण महावीर कहाँ पैदा हुए थे। जैन विद्वान् अब इसे समझने लगे हैं। भगवान महावीर ने अपने सिद्धिलाम के पहिले के तपस्वी जीवन के आठ वर्षावास वैशाली में बिताये थे और सिद्धिलाम के बाद चार और वर्षावास वैशाली में बिताये / वैशाली ही श्रमण महावीर की जन्मभूमि थी। यह कम आश्चर्य की बात नहीं है कि जैनों ने अपने तीर्थंकर की जन्मभूमि का नाम तक भुला दिया। ऐसा क्यों हुआ ? इसके लिए दो चार शताब्दियां ऐसी होनी चाहिये, जब कि वज्जी भूमि और वैशाली से जनों का कोई सम्पर्क नहीं रह गया था। अस्तु / 1. बीघनिकाय (महापरिनिम्बाण सुत्त) (मेरा अनुवाद, पृष्ठ 128)