Book Title: Uvavaia Suttam
Author(s): Ganesh Lalwani, Rameshmuni
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ प्रस्तुत पुस्तक के सम्पादक हैं श्री गणेश ललवानी। श्री गणेशजी कपि है, चित्रकार हैं, लेखक हैं, सम्पादक हैं, कथाशिल्पी हैं, उपन्यासकार हैं, साथ ही साधक भी हैं। प्रकृति से अत्यन्त शान्त, सौम्य, निश्छल हैं। वतमान में जैन भवन, कलकत्ता में कार्यरत रहते हुए, जैन जर्नल ( अंग्रेजी ) श्रमण ( बंगला ) और तित्थयर (हिन्दी) के सम्पादक हैं और शोधार्थियों को सक्रिय सहयोग देते हैं। इन्होंने हमारे कथन पर अत्यधिक व्यस्त रहते हुए भी इस ग्रन्थ का सम्पादन किया, एतदर्थ हम श्री गणेशजी के प्रति भी हार्दिक आभार प्रकट करते हैं। जैन और बौद्ध साहित्य के लब्ध-प्रतिष्ठ मनीषी राष्ट्र-संत मुनिश्री नगराजजी म०, डी० लिट, के भी हम आभारी हैं जिन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर, प्रस्तुत ग्रन्थ की भूमिका लिखकर भिजवाने की कृपा की है। पारसमल भंसाली स० विनयसागर देवेन्द्रराज मेहता अध्यक्ष निदेशक , सचिव श्री जैन श्वे० नाकोडा प्राकृत भारती अकादमी · प्राकृत भारती अकादमी पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर जयपुर जयपुर

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 358