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उक्त का कामलोगथकी अनि मात्मानोअरथविपासे साल सीनेज्ञानादि मारगने जंजे लएी बतिस्त्राय थाए ते धर्मयीप अ.उ.
वा पुरुपने कामानियहस ॥ अतव्वेअवश् ॥ सोच्चा नेयानुयमन्गं ॥जंलुयोपरिलसई ॥२५॥ इ० ए संसारमाहे का काम अनिवापुरुषने आत्मानो पू-कायो देश एयोनदारिक सरीर ल होइ देवइ एममेसांनल्यो ॥२६॥ ३
लोग . अर्य मा० नदिएरासे तेनेगमचेकरी इह कामानियहस ॥ अतऽनादिरश पूई देहनिरोहेणं ॥ लवेदेवे तिमेसुयं ॥ २६ ॥ सुवर्णादिद्धि जन् जसकीर्ति ३ सरीरनोपर्ण गत्नी आरोगरहित आनुषी ५ जेम म मनुष्यपएामांहे प्रयो
सुरु युनि २ रादिगुणनीसलाधा सुः सर्व सुपए ६ बोल बसि ए ६ बोसकह्यातेजिहां न द्वि जुइ जसोवन्नो ॥ यानुसहमएकत्तरं । त्यो जब मएकस्सेस तबसे देवपदामाहे पांमे २७ होइनिहां बा अज्ञानीनु नुदेशेंबा अज्ञानपएं अंगीकार करीन चि गंमीने धर्मने अअधर्मवालो ने पुरुष नपजे अअधरमने
जेने लेनर नववधई ॥२३ ॥ बासस्सपस्सबासन्तंअहम्मं परिवधिया ॥ चिच्चाधम्मं अहामिछ ।
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