Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Tabarth
Author(s): Sudharmaswami, Khetsi Jivraj Shah
Publisher: Khetsi Jivraj Shah
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| चन्डी पं.पंचेंडी पूरणे २५ हवेऽव्ययीक बे. बेंबीजे जीवते. मु. बेप्रकारे कह्या प पर्या ३६ | य । चनरोपंचिंदियाचेव ॥२३॥ हुने बेइंदियानजेजीवा । विहातेपकित्तिया । पब सामने अपर्याप्ता ने तेबेंदीनालेदमु सामसो सुजने कहलथिका कि सरमियाविष्टामाहे नपजेतेसोमंगवा अन्अप्पसिया मपद्यत्ता । तेसिलेएकसरोहमे ॥२८॥ २८ किमियोसोमंगसाचेवा अासामा मा जेलले असघपाकांटाकरीने लुगसीनासरा व वांससीनासरपोमुष बेजेनोलेनोनामहोकरिवासिमुहा० पूरपोसि सीयसन याहया। धरती पाएनेमा रहे वसिमुहायसिप्पिया । संस्कासंस्काएगातहा ॥ २० ॥ नानासंषमा अथवा बेंडीनीजानएपगबेंडीनीजातचे पूरऐन तेमजबकनमा जजसो जाबेंडीजात पूरये सीपनीजाति संघ २९ घलोयाअएतयाचेष। तद्देवयबरामगा। जागाजासगाचेव। चं. चंदगिया नेमज ३० ३०एणेप्रकारें बे० बेंडीए अघोप्रकारे कह्याने आदिदैईनेहवे.डी सो सोकनाए चंदपायतहेवया ॥३५॥ शनिबेशंदियाएए। ऐगहाएवमायए । क्षेत्रथीकेडे खोएगदेसते कायित्नागेस सर्वनधीसघबैंडीकह्या १३१ हवै कासयी सं० उनाश्री अ. अंतरहिन अनादिनाअंतरहितले. | ०५६ सद्दे । नसबनवियाहिया ॥१३१ ॥ संतश्पप्पएाश्या । अपद्यवसियाविय ॥
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