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उत्त- जिलेंगीतुंबसहीपोएस०समयमात्रपन गो हेगौतममा० म करप्रमादम्याप्रमादी २५ २० सर्वथाप्रकारे वयहीणा पामेजीपी थाए उत्तारुशरीर अ-१० 4v || थाएढे तेमाटे समयं गोयममापमायए ॥ २५ ॥. परिजूरश्ते सरीरयं
के केस धोला होए ले ताहरा से पूर्व स्पर्शजीनुबलफूखनेयीस्पर्शधीनोबसंहीणो स० समयमात्रपण हे गौतम मा० मकरप्रपाद २५ केसापंरयाहवंतिते सेफासबलेयहायई थाए ले ते माटे समयंगोयम मापमायए ॥२५ ॥ प० सर्वया प्रकारे जू चयहीणपामे जीयिाए के केसघोसा हाए ताशे . से लेजे पूर्व सर्वेअवयवनुबसहीएाथाए ने | स समयमात्रपए परिजूरश्ते सरीरयं लाऊंसरीर केसा पंफूरयाहवंतिते से सबसे यहायई माटे समय गो हेगौत्तम मान्मयाप्रमादी मकरप्रमाद २५ अचिननोनद्देगा करमाप्तादिक[बमा विच अजीर्ण आज ततकालघातपामे एवो रोगवित गोयममापमायए ॥२६॥ अरई. गंमविसूश्या विशेष आयंका विविहाफुसंति अनेक प्रकारना ते तारोसरीर वि जीवरहिनयई परे रोगेकरी नारं सरीरतेमाटे स. समयमात्रपपा हेगौतम मा मयाममादीमकरप्रमादर | फरसे नेविविध सश्ते सरीरय . समयंगोयममापमायए ॥२७ ॥ वो वो बेदेटाले सि सनेहागने आत्माने कु. कमसनेमजेमसा सरदऋतुनो पा पाणीने गहीनेमण से नेहसा सर्वस्नेहेंकरी रहिन थको बिंद सिपो हमप्पणो कुमुयं सारश्यंच पापियं पण से सहासिगो हवधिए
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