Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Tabarth
Author(s): Sudharmaswami, Khetsi Jivraj Shah
Publisher: Khetsi Jivraj Shah

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Page 404
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बळांमीने न० तिहां खोकने अंतेअग्रेजईने सिद्धथाए। बा० बारजोजन . स सपिसिहापिमानपीनुपरेडे ३० शसिप्रत्मारना अ३६ चश्त्ताएं। तबगंतूणसिशई ।।५७ ॥ बारसहिजोयरोहिं । सम्बन्धसुवरिभवे। सिपसारना में सिद्धसिसाढे पु० तेप्रयवीउत्रने संआकारे प० पचताप्तीस लाष जोजन साजन . यासांबीजे साम्तेललाजा माने। पुढवी उत्तसंविया ॥५८॥ पगयाखसयसहस्सा । जोयगाणंतुआहिया । तावहियो चम्पूरपो विपक्षापि ७५ सापजोजन प्रमापालेतिनेहनीत्रियीमारी परिधिले अन् जोजननीजामीने साब्लेसिइसिप्लाम मध्यान वैवविबिन्ना । निगुपोसाहियपरिरन ।एमा अवजोयएबाहवा । सामशंमिवियाहिया। जोजन सांबापाषाषेत्र सगै आवजोजननीजानी च० मे .. म मापीना पाषयकीन पातली जाएाबी ६८ वि० कहीपने थोक २ हाणि पांमनी पातली थाती परिहारमाणचरिमंते । मबियपतानतएफयरि॥६० ॥ अ० अर्जुन नामाधोखासु सूवर्णमयस्मतेप्रयवी निवनिर्मलबे स. स्वत्नावढेचसमाचिता ज बननेनाकारें लकहीतीर्थकरें अधुपासवन्नगमई । सापुढविनिम्मलासहावेण । जुत्ताएगायबत्तयसंवियाय । लगियाजि. ६१ ससकृषअंकनामारत्नकुं मचकुंदफूसेसरषा पंधोसानिर्मस मसालेए पकप्रमाणजोयपो तन्नेसिद्धसिसायिकी ||५४ एवरेहिं ॥ ६॥ सस्कककुंदसंकासा । पंरानिम्मलासुला। सीयायजोयणेतत्तो। For Private and Personal Use Only

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