Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Tabarth
Author(s): Sudharmaswami, Khetsi Jivraj Shah
Publisher: Khetsi Jivraj Shah
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अ अन्यषिंगसन्यासिप्रमुषनेविषेद०१०चनुकृष्टा| सस्वसिंगेजतीने सिंगेअएकसोनुपरेपिाए स० समयएकेंसी ५३ नन्नन अ-३६ अन्नलिंगेदसेवय ।१०जीव १ समयसौंसलिगेगयअनुसयं ।जीवसिष्ठ समएएगेएसिसई ॥५३॥ नक्को कृष्टि ५०० से धनुषनी अवगाहनानाजीवासिन्नत्कृष्टासीफे तो जु० सायैएकसमयाच० च्यारजीचजघन्यबहायनी अवगाहनाना सोग्गहएाएन। सिशंतिजुगवंडुवे । बेनीवसीके चत्तारियजहन्नाए ।जीवनक्रष्टासमय सीकेज जेवनामध्यनीपरेमध्यअवगाहनानाअनुत्तष्टा च च्यारजीवमेरुपर्वतनीचूसकादिक नुपरेते अई फुच्चे| तेन्नेत्ररोजीवजन जवमशंनतरंमयं ॥५५॥ १०८ सीमे ५७ चजुरुहसोएयज्वेसमुहे। समुझनेविषेचन तनेजदेवीस नदीप्रमुषपाएगीमांहे नुनुक्रष्टाएके समे अषाफ प्रमुषअधोलोकनेविषेएकसमयसी तन्नेमजसी । विनासोकनेविषेठत्क्रष्टाससमय महेतहेवय। सरफे २०जीव सयंचअवृत्तरंतिरियलोए । एकसोनेनुपराउति समएएंगेपानसितश्य नेविषेएके सीनें ५५ क. किहा हणाणानुपरजातायता पा सिद्ध क किहां सिद्धाकह्याले अन् अनेकिह शरीर मीने' ॥ ५५॥ .. कहिंपमिहयासिद्धा। कहिंसिछापचिया । कहिंबोदिचश्त्ताएं। क० किहांजश्ने सी५६ अ अषोकनेविषेषताणा नुपरजातासिङ सोसोकनाअग्रमस्सकनेविषेप कयालेसिडर इहां ५५१ कत्वगंतूपासिझई ।। ५६॥ आलोएपरिहयासिहा ।मनुष्यसवधियिष सोएगेयपविया ॥ हंबोंदीगरी |
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