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या
प्रप्रसा
वार.जवा मगध
नखं त्वांकनो साकरनो एक एपिकीपणा अनंतगुण , रूमीगेस्वादसु सुकललेस्यानो जाएबो १५ जे जेमगाएनाममानो अ-३५
खासकरसोवा । एत्तोविअपंतगुगो । रसोनसुक्काएनायचो ॥१५॥ जहगोममस्स गंधपासून होए सु• कूतराना ममानो जैजेम सर्पना ममानो एक एयकीपए। अपांत गुपों स.खस्या अ. गंधो। सुगमम्स जहा अहिमास्स । एत्तोषिअपंतगुणो । खेसाणंअप्पस स्तकृष्णा १ नील २ कापोत ३ एनएानो| न जेमसुगंधाकु० केवमादिकनुंफूसगंधसुवास सु-सुगंधसुवासपिपिसनाबाटताए। एक एक बाएं ॥१६॥ नमोगंध १६ जहसूरहिकुरुमगंधी। गंधवासापापिस्समारगाएं। होए एतो की परा अनंतगुणो सगंध होए पर प्रसस्त स्यानो ति बणपणा तेजो १ पद्म २ सकल ३ हवे खेस्याना जमकर विअांतगुणो। पसलेसापातिएहंपि ॥१७॥ फरस कहे जे १५ जहकरग करवत्तनो जेबी फरस गोगाएना वसदनीजीमनोजेबो करण फरससासागा ए० एयकीपण अनंतगुणो करण से सेस्यात्र स्सयफासो। गोजिमाएवसागपत्ता । म एत्तीविअपंतगुगो ।फरस खेसाएं एगअन् अप्रसस्त कृष्णा १ नीस २ कापोत३ जजेमबूबूरनामा वनस्पतिनों अतिसुहासो नभ्मारखानोफर्स स० सरिसनामा ||५१३ अप्पसबा ॥ १८ ॥ १८ जहबूरस्सवफासे नवएीयस्स सरिस
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