Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 8
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुल्तान औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ २ ॥ उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि- अकारादि [ अकार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलिता उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) अट्ठ सय उगुणवीसा अट्टसहस्सा तिम्नि उ अट्ठावीस कालोद हिम्म अट्ठावीस कालोदहिनि अट्ठावीस कालोदामि अट्ठासी बताई अट्ठासी बताई अट्ठासी च गहा अट्ठासीति च गहा अट्ठासीति च गहा अट्ठासीयं च गहा अट्टिय कढिणे सिरहारु अनुत्तरं चतीसं अट्ठव जोयणाई अब सतसहस्सा अट्ठेव सतसहस्सा अब सतसहस्सा अट्ठेब सय सहस्ता अब सयसहस्सा अब सय सहस्सा अडयाल सयसहस्सा अडयाल सयसहस्सा २४-४३ अडयाल सयसहस्सा २४-५५ २७-१०५४ २१-८१ अडयालीसं भाए २१-८४ २४-८६ २४ - १०सू० २७-४५३ २१- ३९ २७-१०४५ अडयालीसं भागा अडयालीसं लक्खा अडसी सयसहस्सा २७-१५१७ २७-२२५ २७-१३६२ २२-२२४ २१- ३५ अणसणपाडचगमणं २७- १०९९ अणसणपाओगमं २७-१०४२ अणसणमूणोयरिया २१-४१ अणंतरगयाहारे २१-४८ अनंतरागया नेर० अंत० २२ - २५८० २४-५२ अणिआहिवाण पञ्चस्थि० २५- १२४ २७- १०१५ २७-१०५१ २१-५१ २५-४८ अणुत्तरेसु नरपसु २७-१०८५ अणगार० भावि० मारणं० २२-१९६० २७-५५८ अणगार लोगं० फुलित्ता २२-३४७० २२- १३५ अणगारे० भावि अप्पा १९-४२सू० २७-९६५ अणभिगहियकुविट्ठी २२- १३० २४-३६ अणभिग्गहिया भासा २२- १९७ २४-४८ अणवट्टतिगं पारतिगं २७- १३२४ २४-३९ अणवग्निय पणवन्निय २२- १५२ ~8~ २७-२५६ २७-१२९९ २७-८७६ २७-६६० अणुसुयह सुयंतीप २७-४६६ अणुसोभर अण्णजणं २७-१८२४ अण्णउत्थिया० दो किरि० २१-१०५सू० अतिसीतं अतिउन्हें अणुबद्धरोसबुग्गह अणुराहा रेवई बेव अणुलोमपूजणाए २१-२३ १९-३० अतुलसुहसागरगया अस्थमणे संझागय २७-८६२ अस्थि गं० देवाणं सुकपोग्गला २२-३२७० सूर्य० २३ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ २ ॥Page Navigation
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