Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 42
________________ आगम संबंधी साहित्य उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [त-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०/२७ औ०१९ रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ०२४ जं. २५ देखीए |नि० २६ प्रकी०२७ दीप नए पं० क्रमांक के लिए देखीए XIIRCURREXEEPPEARENDERACES तए णं मम णगरगुत्तिया २०-७०सूत्र |तए णं से जियसत्तू राया २०-५६१० तए णं से भरहे०. चउ० २५-७०म० ..णं समणे०कलं पाउ०१२-१३सू० ,,, दिव्ने चकरयणे २५-६२सू० , चाउग्घंटं २५-४६सू० ,, , कृणिअस्स १९-३४सू० २५-६५मू० , छत्तरयणं २५-६०म० "" " मिहिलाए २५-१८१सू० ,,तं दिव्वं २५-४७० पं० सव्वं जाणह २०-२२० २५-४५सू० " ... , २५-६४सू० , णं सामहतिमहालिया १९-३५सू० २५-५०सू० ...तुरण २५-६३सू० ,, सावत्थीए नयरीए २०-५४सू० पवित्तिवाउए १९-२८सू० ... मणिरयण. २५-५४० .पं० सरियकंतप्पमु० २०-७८सू० १२-१३सू० सेयथिया नगरी २०-५८० गणं से अच्चुईदे २५-१२३सू० पालयदेवे २५-११७सू० ., णं से विजए. महया २१-१४३१० "", अच्चुए देवे० २५-१२२सू० बलबाउए, १९-३०सू० ,,,सके जाव २५-१९८० ,,, अच्चुए देविदे २५-१२१सू० भगवं जंवू० २६-४सू० ....... पंच० २५-१२४सू० से अंतियाओ २०-५७० भरहे राया २५-६७० "", सेणाबलस्स २५-५७सू० से आसमदोणमुह० २५.४८सू० , अण्णया २५-७५सू० हस्थिस्स कुंथुस्स २०-७८सू० , कृणिए जेणेव १९-३९सू० | त? अभाविअप्पा , , बलवाउ० १९-२९सू० २५-५५सू० , य भावियप्पा , , वामं० १९-१२१० , ,, कयमाल० २५-५२सू० तणकट्टेण व अग्गी चित्ते सारही २०-५५० ,, गंगाए २५-६६सू० ] " " " XMAMTAXANTERNAAm २५-२८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~42~

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