Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
औ० १९ रा० २०
जी० २१ प्रज्ञा०२२
॥ २५ ॥
उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि- अकारादि
[ च-कार ]
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलिता उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
चत्तारि य पंतीओ
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39 १७.
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23
55
रयणीओ
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सहस्साई
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बत्तारं च सहस्सा चमरवइरोअणाणं चमरस्य णं० कति परि० चमरस्स सागरोषम०
चमरे धरणे तह वेणुदेव० वेणुदेवे०
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चयणोववाय उच्यते चरणाईयाराणं चरिमे णं पुच्छा
२४-६२ चरियाए मरणम्मि उ २७-१०६१ चंदगविज्यं ल १९- १४
चंदण गेरुय हंसगन्भ चंदणपट्ठिएहि य
देवानं०
२२- १६४ २७- १२१३ चंदमंडलस्स गं० केव० २१-४३ चंदमंडले गं० केबइयं० २५-१४६० २४-४६ चंदविमाणे णं० कति देव० २५-१६८सू० २५-१२७ २५- १७३० २७-१०४७ २१- १९९० २७-९४९ २१- १९८० २१ २०६० २५-१७२० २१- २०३० २७-९१०
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भंते! किं० .. देवा० २७-९५६ चंदस्स ० कइ अग्ग० २७-९६७ कति
२१-११९
२२-१४४ २४-५ २७-६ २२- २४५०
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चंदहोराविलग्गेसु
चंदाड नी जुन्हा
चंदाओ सूरस्स य चंदातो
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~ 31~
२७-१७३८ चंदातो सूरस्स य २७-७०८ चंदा सूरा तारागणा २२-१३ चंदुब्ब पिच्छ णिक्षो २७-९६४ चंदे सूरे सुक्के २५-१५५० चंदेहि उ सिग्धयरा चंपगजीर णीइया
चंपासु णंदगं चिय चाउसि पनरसि
चारित्तस्स विसोही चिरउसियबंभयारी चिंतामणी अडब्बो
चिंते य खरकर ० चुल्लहिमवंते गं० वास० चुलसीई फिर लोए
15
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२७-१३८० २७-१०८२ बोत्तल चंदसतं २१-७८ चोया चंदसर्य
२४-८३
२७-१००९
२७-६१४
२६--२
२७-१०२२
२२-२८
२७-१७३५
२७-८५३
२७-२
२७-१३०
२७-४४२
२७-१६५५
२५-७६०
२७-१४७४
२७- १७३
२४-४५
२१-४२
सूर्य० | २३ चं० २४
जं० २५
नि० २६ प्रकी०२७
॥ २५ ॥

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