Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 32
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ २६ ॥ उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ च कार + छ कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलिता उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) चोयाल चंदसर्य चोरिकनिवित्तीय चोरो पर लोगंमिऽवि चोरो रक्खसपहओ छक्काया पडिविरओ छच्वेव य अइरत्ता छबेव य आरभडा छजीवनिकाए रक्ख० मदसमदुवाल० "1 13 छाई च दत्थियाओ 35 हिडिम मज्झिम० छडी उ हायणी नाम० छीं हेममज्झिम छण्णउद सयसहस्सा "1 छण्णउति छत्तीसगुणसम २७-१०४६ २७-३८१ २७-३८० २७-१३०८ २७-६२७ छन्नउ सय सहस्सा २४-३० छनउई पुच्छवाला २७-८९५ उप्पण्णं खलु भाए २७-१२६९ भागा २७-१३६६ २७-१४१८ २२-१८४ 33 २७-१९६४ छपंच य सत्तेव य छत्तीसमट्टियाहि य छत्तीसाट्ठाणेसु य छनउ अंगुलाई ( एसा ( प ) दिवस० ) २७-८९८ २७- २०४८ २७-५१० 33 33 छप्पनं पंतीओ 23 35 पंतीणं २७-४८४ 33 23 २१-८८ छम्मासिया जहन्ना २१-४४ छलिभा अवयवंता २४-४७ छवीस जोयणसयाई २७-७२१ सु ठाणेसु इमेसु य 33 15 २७- १५४४ छाट्ठसहस्साई २७-१३१९ ~32~ २१-५९ २४-६३ 11 " 35 33 छाई छाय छापि० णक्खत्ताणं २५- १२३ छावा पिडगाई २७-२०१५ "" 35 31 31 33 51 35 33 33 २७-१०६२ छावडी० नक्खत्तार्ण २४-५सू० २४-८ २७-१४१७ २७-४२३ य मुडुत्ता 25 २७-१९८१ छान्तरं गहाणं २७-१२७२ "" पि० महागहाणं पिडयाई पिडयाणं पिडगा महगहाणं 35 २१-८२ २१-८५ २४-८७ २७-१०८६ २७ १०७२ २४-६० २४-५९ २४-६१ २७-१०५९ २७-१०५८ २१-५६ २७-१०६० २१-५५ २१-५७ २५- (५००टी०) २१-६० २४-६४ सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ।। २६ ।।

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