Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 21
________________ आगम संबंधी साहित्य उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९ पयं पञ्चक्खाणं रा० २० देखीए जी०२० मज्ञा०२२ .. पंडियमरणं पाओवगर्म प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए पुणव्वसुस्स य मरणविभात्ति सगडसरीरं सयं कयं मे सरागसंलेहण " सखुवएसं , सोउं सरीरस्स एयंसि निमित्तमी एयाइ विमाणाई एयाउ पंच वजिय एयाए भावणाए एयाणि य अण्णाणि य २७-१५३५ एरंडे कुरुर्विदे २२--३८ एवं च गयो पक्खो २७-१६५६ २७-२५५७ | एरिसगुणजुत्ताणं ,, जंबुद्दीवे २७-१२५९ एरिसयदोसपणे , तिदंडविरओ २७-२०९ २७-१७७२ परिसयाण सगासे २७-१५६९ २७-१५०० २७-१७८० एलतयनागकेसर २७-३१६ , तु कसायग्गिं २५-(५०८टी०) पवइयं तारग्गं , निस्सारे माणुसत्तणे २७-५२६ २७-१८९६ २७-२०५६ , पम्हे बिजए अस्स० २५-१०३सू० एवतियं, , परिहायमाणे २७-५०१ २७-१५४० एव परज्झा असई २७-१५८० ., पवयणसुयसार० २७-१२४९ २७-१४२२ एवमणुचिंतयंता २७-१८०३ .. पंचासीई नट्ठा २७-५२५ , चितयतो २७-२६१४ बहुप्पयार २७-१५९८ एवमणुद्धियदोसो २७-१२८५ , बुदिमइगओ २७-४६८ एवं अप्पाबहुगं,सव्वत्थोवा २१-२३४सू० , भावियचित्तो २७-१८०४ २७-११०२ , उबट्टियस्सवि २७-१३५६ , मए अमिथुआ २७-७०९ , कयसलेह २७-१४४२ , मणुस्साणवि २२-२१९सू० २७-१३०२ , करंतु सोहि २७-१३९७ , मरिऊण धीरा २७-१८८४ | कहिय समाही २७-१४४३ | , बड्डा चदी AAHANNAANAK 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~21~

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