Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि
[अ- कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
औ०१९
असरीरा जीवघणा
सूर्य०२३
देखीए
रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२
प्रकी०२७
दीप
१९-१९ असुराणं नागाणं २७-९७६ | अह भंते ! सब्बजीवप्पबहुँ २२-९३
२२-१६९ | असुरा नागसुबण्णा २२-१३८ | अह मणिमंदिरसुंदर २७-४४३ असिमसिसारिच्छीर्ण
असुरेसु हुंति रत्ता २२-१४८ | अह महुरं फुडबियर्ड २७-१५९०
२७-५६९ असोय वरपायपुढवि २०-३सू० अह मिच्छत्तससल्ला २७-१५९५ असुइ सरीरं रोगा २७-१८८३ | अस्सन्नी खलु पढमं २२-१८३ | | अहमंसि पढमराया २५-२६ असुई अमिज्झपुन्न २७ ५४२ | अस्साओ उववण्णो
अयं बहुगुणदाणं असुभा बिउवणा खलु
| अस्संजमत्तोगसणं २७-२४४ | अह रागदोसगभं असुरकुमाराण० अणंतर २२--१३९सू० | अस्संजममण्णाणं
अहबा अट्ठबिहा रइया २१-२६९सू० आहा० २२-३०५सू० | अस्संजममण्णाणं
२७-९३ | अहवा उ पुच्छयाला २७-५९१ असुरकुमाराण० कतो हितो २२-१३०सू० अस्संजममन्नाणं
अहवा चउब्विहा० इस्थि० २१-२५९सू० असुरकुमाराणं केवइया ओरा- अस्संजमवोसिरणं
अहवा चडबिहा० चक्खुदंसणी लियसरीरा २२-१७९० | अहणं पसवणकालसम० २७-१२सू०
२१-२६०सू० असुरकुमाराण० केवइया पजचा अह तस्स महव्वय० २७-३२६ अहवा चउडिवहा संजया०२१-२६१सू०
२२-१०५सू० अह भेते! असंजय०२२-२६६सू० अहवा चिलाइपुत्तो २७-३६३ असुरकुमाराण० सने समाहारा अह भंते! गाओ मिया०२२-२६२ अहवा छविहा० ओरालि० २१-२६५सू०
२२-२०९सू० | अह भंते ! मणुस्ले महिसे० २२-२६४सू० अहवा णव विधा० पढमस०२१-२७१सू० असुरकुमारे f० असुर० २२-२६०सू० | अह भंते ! मंदकुमारए वा २२-२६३सू० । अहवा तिबिहा तसाह २१-२५७सू०
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क्रमांक के लिए देखीए
आहा५
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'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
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