Book Title: Tapagaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 298
________________ संदर्भ ५-६. तपागच्छ-"लघुपौशालिक पट्टावली" मनि जिनविजय, संपा० - विविधगच्छीयपट्टावलीसंग्रह, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ५३, मुम्बई १९६१ ई०, पृष्ठ ३७-४७. मुनि कल्याणविजय गणि, संपा०-पट्टावलीपरागसंग्रह, श्री कल्याणविजय शास्त्र संग्रह समिति, जालौर १९६६ ई०, पृष्ठ १८२-१८६. मोहनलाल दलीचन्द देसाई, जैनगूर्जरकविओ, भाग ९, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ ८५-८९. बुद्धिसागरसूरि, संपा०-जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग २, लेखांक ६३६. वही, लेखांक ७५२. वही, लेखांक ६१६. देसाई, पूर्वोक्त, भाग २, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ २-९. श्री अमृतलाल मगनलालशाह, संपा०- श्रीप्रशस्तिसंग्रह, श्री देशविरति धर्माराधक संघ, अहमदाबाद वि०सं० १९९३; भाग २, पृष्ठ ९२, प्रशस्ति क्रमांक ३२९. वही, भाग २, पृष्ठ ९७, प्रशस्ति क्रमांक ३५३. वही, भाग २, पृष्ठ ९७, प्रशस्ति क्रमांक ३५०. वही, भाग २, पृष्ठ १०१, प्रशस्ति क्रमांक ३७१. शीतिकण्ठ मिश्र, हिन्दीजैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग १, पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ५३, वाराणसी १९८९ ई०, पृष्ठ ३४२-४३. वही, भाग २, पृष्ठ ३८६. शीतिकण्ठ मिश्र, पूर्वोक्त, भाग २, पृष्ठ ४८२. देसाई, पूर्वोक्त, भाग २, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ २१-२३. श्रीप्रशस्तिसंग्रह, भाग २, पृष्ठ ११४, प्रशस्ति क्रमांक ४३१. शीतिकण्ठ मिश्र, पूर्वोक्त, भाग २, पृष्ठ २३१-३२. देसाई, पूर्वोक्त, भाग २, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ ११४-११६. १६. श्रीप्रशस्तिसंग्रह, भाग २, पृष्ठ १९८, प्रशस्ति क्रमांक ६९८. वही, भाग २, पृष्ठ १३७, प्रशस्ति क्रमांक ५३०. १८-१९. देसाई, पूर्वोक्त, भाग ९, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ ८८. वही, भाग ४, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ ७९-७९. २१. वही, भाग ४, पृष्ठ १४४-१४५. द्रष्टव्य-लेख के प्रारम्भ में दी गयी लघुपौशालिक शाखा की पट्टावली. देसाई, भाग ६, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ २८२. वही, भाग ६, पृष्ठ ३१४. २५. वही, भाग ९, पृष्ठ ८९. १७. वही. भा २०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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