Book Title: Tapagaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 325
________________ संदर्भ मुनि जिनविजय, संपा० - विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह, पृष्ठ १६०-२२७. मुनि ज्ञानविजय, संपा०- श्रीपट्टावलीसमुच्चय, भाग २, श्रीचारित्रस्मारक ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ४४, अहमदाबाद १९५०ई०स०, पृष्ठ ९६-१२०. जैनगूर्जरकविओ, भाग ९, द्वितीय संशोधित संस्करण, संपा०- डॉ० जयन्त कोठारी, पृष्ठ ८९-९३. संपा०-पट्टावलीपरागसंग्रह, पृष्ठ २०५-२११. पूर्वोक्त, पृष्ठ २२४. मुनि विद्याविजयजी, संपा०- ऐतिहासिकराससंग्रह, भाग ४, भावनगर वि०सं० १९७७ मोहनलाल दलीचंद देसाई, जैनगूर्जरकविओ, भाग ३, द्वितीय संशोधित संस्करण, पृष्ठ १८० - १८१. श्री अमृतलाल मगनलाल शाह, संपा०- प्रशस्तिसंग्रह, भाग २, पृष्ठ १८३, प्रशस्तिक्रमांक ७२६. वही, भाग २, पृष्ठ १८५, प्रशस्तिक्रमांक ७३२. वही, भाग २, पृष्ठ १८४, प्रशस्तिक्रमांक ७३१. मुनि जयन्तविजय, संग्रा०/संपा०, अर्बुदाचलप्रदक्षिणाजैनलेखसंदोह, लेखांक २५४. वही, लेखांक ४४७. देसाई, पूर्वोक्त, भाग ४, पृष्ठ १८८-८९. देसाई, पूर्वोक्त, भाग ३, पृष्ठ २४८-४९. वही, भाग ३, पृष्ठ २६८-७०. श्रीप्रशस्तिसंग्रह, भाग २, प्रशस्तिक्रमांक २७३, पृष्ठ २०३. देसाई, पूर्वोक्त, भाग ३, पृष्ठ ३५९-६५. प्रशस्तिसंग्रह, भाग २, प्रशस्तिक्रमांक ९२६, पृष्ठ २४६. बुद्धिसागरसूरि, संपा० - जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १, लेखांक ६०९, भाग २, लेखांक २५४, ५८६. श्री अगरचन्द भंवरलाल नाहटा, संपा०-बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखांक १८२७. मुनि जयन्तविजय, संग्रा०-संपा०- अबुर्दप्राचीनजैनलेखसंदोह, लेखांक ४७८,४७९,४८०. वही, लेखांक ४७६-४७७. १५. १६. १७. १७अ. १८. २२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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