Book Title: Tapagaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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लींबडीजैनज्ञानभंडारनी हस्तलिखितप्रतिओनुं सूचीपत्र, संपा०- प्रवर्तक कांतिविजय के शिष्य चतुरविजय, प्रका०- आगमोदय समिति, मुम्बई १९२८ ई०. विजयप्रशस्तिकाव्य, रचनाकार- हेमविजयगणि, संशोधक- पं० हरगोविन्ददास बेचरदास, प्रका०- यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी वि०सं० २४३७.
विजयवल्लभसूरिस्मारकग्रन्थ, संपा० - भोगीलाल सांडेसरा तथा अन्य, प्रका०- महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई १९५६ ई०.
विज्ञप्तिलेखसंग्रह, संपा०- मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, मुम्बई १९६० ई०.
विविधगच्छीयपट्टावलीसंग्रह, संपा० मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, मुम्बई १९६१ ई०.
श्रीप्रतिमालेखसंग्रह, संपा० - दौलतसिंह लोढ़ा, प्रका०- यतीन्द्र साहित्य सदन, धामणिया १९५५ ई०.
श्रीप्रशस्तिसंग्रह, संपा० - अमृतलाल मगनलाल शाह, प्रका० - श्री देशविरति धर्माराजक समाज, अहमदाबाद वि० सं० १९९३.
श्रीस्वर्णगिरिजालोर, लेखक - श्री भँवरलाल नाहटा, प्रका०- प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर एवं बी० जे० फाउण्डेशन, कलकत्ता १९९५ ई०. शत्रुंजयगिरिराजदर्शन, मुनि कंचनसागर, प्रका० - श्री आगमोद्धारक ग्रन्थमाला, कपडवज १९८२ ई०.
शत्रुंजयवैभव, संपा०-मुनि कान्तिसागर, प्रका०- कुशल संस्थान, जयपुर १९९० ई०. शत्रुंजयोद्धारप्रबन्ध, रचनाकार- विवेकधीर गणि, संपा० मुनि जिनविजय, प्रका०- - जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर वि० सं० १९७३.
शासनप्रभावकश्रमण भगवंतो, भाग १ -२, सम्पादक- श्री नन्दलाल देवलुक, प्रका०श्री अरिहन्त प्रकाशन, भावनगर १९९२ ई०.
समग्रजैनचातुर्माससूची, वर्ष १९९७ -२०००, संपा० - श्री बाबूलाल जैन 'उज्जवल', मुम्बई १९९७-२०००.
सूरीश्वर अने सम्राट, लेखक - मुनि विद्याविजय, हिन्दी अनुवाद - कृष्ण लाल वर्मा, प्रका०- विजयधर्म लक्ष्मी ज्ञान मंदिर, आगरा वि० सं० १९८०.
हिन्दीजैन साहित्य का बृहद्इतिहास, लेखक - शितिकंठ मिश्र, भाग १-४, प्रका०पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी १९८७-९८ ई०.
हीरसौभाग्यकाव्य, रचनाकार - देवविमलगणि, प्रका०- काव्यमाला सिरीज, निर्णयसागर प्रेस, मुम्बई वि० सं० १९००, पुनर्मुद्रण, कालन्द्री (राजस्थान) वि० सं० २०४१.
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