Book Title: Sutrakritanga Sutra Part 01 Author(s): Jayanandvijay Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti View full book textPage 9
________________ श्रीसूत्रकृताङ्गसूत्र - प्रथम श्रुतस्कंध की प्रस्तावना अनुक्रमणिका विषयानुक्रमणिका पृष्ठाङ्क . ३६३ ....... .....४१६ ....... ४४२ विषय विषय पृष्ठाङ्क विषयानुक्रमणिका................ ..............२-३ पञ्चमाध्ययनम् प्रस्तावना............. ............ ४-१० नरकाधिकार ...... ..... २९३ सूत्र प्रस्तावना ........... ...........११-३३ षष्ठमध्ययनम् प्रथमाध्यायनम् श्रीवीरस्तुत्यधिकार.......... ३३७ स्व-समयवक्तव्यता अधिकार .......... सप्तममध्ययनम् परसमयवक्तव्यता अधिकार .......... चार्वाकमताधिकार | कुशीलपरिभाषाधिकार.......... आत्माद्वैतवादी अधिकार ........... अष्टममध्ययनम् तज्जीवतच्छरीरवादी का अधिकार... श्रीवीर्याधिकार ... .......... अकारकवाद का अधिकार........... नवममध्ययनम् तज्जीवतच्छरीरवादाकारकमतवादखंडनाधिकार ......... भावधर्ममध्ययनं ...... आत्मषष्ठवाद का अधिकार ........ ............. बौद्धमत का अधिकार.............. दशममध्ययनम् पूर्वोक्तमतवादी अफलवादी है......... श्रीसमाध्यध्ययनम्........... नियतिवाद का अधिकार........... एकादशमध्ययनम् अज्ञानवाद का अधिकार....... श्रीमार्गाध्ययनम् ................ ४६६ क्रियावाद का अधिकार ........ द्वादशमध्ययनम् आधाकर्म के उपभोगफल का अधिकार श्रीसमवसरणाध्ययनम्...................... ..४९६ जगत्कर्तृत्व का अधिकार.......... कृतवादाधिकार........ त्रयोदशमध्ययनम् शैवादि का अधिकार .......... श्रीयाथातथ्याध्ययनम् ........ ५४७ परतीर्थिक के परित्याग करने का कारण.. चतुर्दशमध्ययनम् परिग्रहारम्भ त्याग अधिकार........... श्रीग्रन्थाध्ययनम् .......... ५७२ द्वितीयाध्ययनम् पञ्चदशमध्ययन वेतालियशब्दस्यार्थवर्णनम् ........... आदानीयाध्ययनम्... हिताहितप्राप्तिपरिहारवर्णनाधिकार ... षोडशमध्ययनम् मानोवर्जनीयाधिकार ........... गाथाध्ययनम् ............ अनित्यताप्रतिपादकाधिकार ... १६० तृतीयाध्ययनम् परीशिष्ट ................................................... तृतीयाध्ययनस्य प्रस्तावना ..... उपसर्गाधिकार ........ ............. १८२ चतुर्थाध्ययनम् । स्त्रीपरिज्ञाध्ययनम् ...... or १३३ ........६२४ ........... १७९ २४४Page Navigation
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